यूपी के लखनऊ यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज में प्रश्नों को लीक करने का मामला गर्मा गया है। छात्रों ने परिसर में जमकर हंगामा करते हुए परीक्षाएं रद्द  करा दी। मामले में शेखर हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और लखनऊ यूनिवर्सिटी लॉ कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। दोनों के बीच एलएलबी परीक्षा के तीसरे सेमेस्टर के संभावित प्रश्नों को लेकर हो रहा चर्चा के छह ऑडियो क्लिप वायरल हो गए थे। एमडी डॉ. ऋचा मिश्रा, जिन्हें हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की चेयरपर्सन बताया गया है, विश्वविद्यालय से एलएलबी कर रही हैं और तीसरे सेमेस्टर में हैं

शिक्षकों की जांच के बाद निलंबन की मांग फैकल्टी के कुछ शिक्षकों ने उचित जांच के बिना दो प्रोफेसरों के निलंबन के खिलाफ भी विरोध किया। कुलपति ने मीडिया को बताया, “छात्रों की मांग है कि परीक्षा रद्द की जानी चाहिए। मुद्दा यह है कि पेपर लीक हो गया था और कई छात्रों को इससे फायदा हुआ होगा। इसलिए, हमने परीक्षा रद्द कर दी। हालांकि, कुछ अन्य छात्रों का कहना है कि पेपर लीक का लाभ एक खास परीक्षार्थी तक ही सीमित था। इसलिए हमने तय किया है कि एक आंतरिक समिति यह आकलन करेगी कि पेपर सार्वजनिक रूप से लीक हुआ था या सिर्फ एक व्यक्ति के लिए। रिपोर्ट के आधार पर, हम इस निर्णय पर पुनर्विचार कर सकते हैं।”

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सरकार का एसटीएफ को जांच का निर्देश बुधवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एसोसिएट प्रोफेसर, अशोक कुमार को लॉ कॉलेज डीन आर के सिंह के साथ निलंबित कर दिया था। विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक एके मिश्रा की शिकायत के आधार पर द उत्तर प्रदेश पब्लिक एग्जामिनेशन (अनफेयर मीन्स की रोकथाम) अध्यादेश, 1998 के प्रासंगिक धाराओं के तहत लखनऊ के हसनगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस बीच, राज्य सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को जांच में मदद करने का निर्देश दिया है।

तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा कराई रद्द राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक बयान में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि पेपर लीक मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को विश्वविद्यालय के छात्रों, जिनमें नेशनल स्टूडेट यूनियन ऑफ इंडिया और समाजवादी छात्र सभा शामिल हैं, ने कुलपति एसके शुक्ला के खिलाफ विरोध जताया और विधि संकाय के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा भी रद्द करा दी। विरोध प्रदर्शन विश्वविद्यालय के पुराने और नए दोनों परिसरों दोनों में हुआ।