नीट पेपर लीक मामले को लेकर देश में मचे घमासान के बीच कर्नाटक सरकार ने सोमवार को नीट को खत्म करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने नीट को समाप्त करने वाले प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी। अब जल्द ही यह प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया जाएगा। विधानसभा से इस बिल के पास होते ही कर्नाटक में नीट खत्म हो जाएगी और फिर राज्य स्तर पर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों के लिए एक नई प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी।

डिप्टी सीएम ने भी किया था नीट को खत्म करने का आग्रह

बता दें कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पिछले सप्ताह नीट को लेकर चल रहे पूरे विवाद पर चिंता जाहिर की थी और ये कहा था कि केंद्र सरकार नीट को समाप्त करके राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे। डीके शिवकुमार के इस बयान के बाद अब राज्य कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी देकर यह साफ कर दिया है कि राज्य सरकार जल्द ही नीट समाप्त करेगी।

क्या कहा था डीके शिवकुमार ने?

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था, “NEET परीक्षा में अनियमितताएं गंभीर हैं। यह लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है। केंद्र को NEET समाप्त कर देनी चाहिए और राज्यों को अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति देनी चाहिए। देश भर के छात्र राज्यों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं।” बता दें कि नीट से पहले AIPMT परीक्षा आयोजित होती थी जिसका फुल फॉर्म ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट था।

तमिलनाडु भी नीट के खिलाफ

बता दें कि कर्नाटक से पहले तमिलनाडु ने भी नीट को खत्म करने की मांग पिछले महीने की थी। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को एक खत लिखकर नीट को खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने इस परीक्षा को स्टूडेंट विरोधी, सामाजिक न्याय विरोधी और गरीब विरोधी करार दिया था। तमिलनाडु सरकार ने भी नीट के खिलाफ एक प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया था जो पास भी हो गया था। इसे बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भारत सरकार के पास भेजा गया जो अभी तक लंबित है।