JP Nadda on Doctors: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि मेडिकल छात्र और युवा डॉक्टर विदेश जाना चाहें तो यह उनकी इच्छा है, लेकिन अब वे यह नहीं कह सकते कि भारत में चिकित्सा सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश में अब संस्थान, सुविधाएं और ढांचा पूरी तरह उपलब्ध हैं।

नड्डा यह बात लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा, “संस्थान मौजूद हैं, सुविधाएं मौजूद हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर भी मौजूद है। अब इसका सही उपयोग करना आपकी जिम्मेदारी है।”

देश में 23 AIIMS, पहले था सिर्फ एक

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले देश में केवल एक AIIMS हुआ करता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब देश में 23 AIIMS कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा,

“पहले जब होनहार छात्र विदेश जाते थे और उनसे पूछा जाता था कि वे लंदन क्यों जा रहे हैं, तो वे भारत में सुविधाओं की कमी की शिकायत करते थे। आज यह बहाना नहीं चलेगा।”

आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना

जेपी नड्डा ने आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत 62 करोड़ से अधिक लोगों को ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ अपने नागरिकों की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहा है।

मेडिकल शिक्षा कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं

युवा डॉक्टरों को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि मेडिकल या उच्च शिक्षा कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है। उन्होंने बताया कि, “एक डॉक्टर तैयार करने में औसतन 35 लाख का खर्च आता है, इसलिए डॉक्टरों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।”

36 घंटे काम करने वाले डॉक्टरों की सराहना

स्वास्थ्य मंत्री ने लगातार 36 घंटे काम करने वाले युवा डॉक्टरों की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें अपने अच्छे काम के लिए किसी से प्रमाणपत्र मांगने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लगन, धैर्य और कार्य संतोष ही डॉक्टरों की असली पहचान है।

नई तकनीक अपनाने और मानवता की सेवा की अपील

नड्डा ने डॉक्टरों से उभरती हुई तकनीकों के साथ खुद को अपडेट रखने और मानवता की सेवा को अपना लक्ष्य बनाने का आह्वान किया।

अन्य प्रमुख वक्तव्य

इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा तभी पूर्ण होती है जब उसमें करुणा, संवेदना और सेवा भाव शामिल हो।
उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर सिर्फ दवा नहीं देता, बल्कि मरीज को भरोसा और भावनात्मक सहारा भी देता है। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और राज्य मंत्री मयंकश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहे।

जेपी नड्डा ने KGMU को कॉर्निया, लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बधाई दी और कहा कि यह संस्थान न केवल देश बल्कि पूरी मानवता की सेवा कर रहा है।