Heavy Rain: पंजाब सरकार ने रविवार को घोषणा की कि राज्य के स्कूल अब 17 जुलाई (सोमवार) से फिर से खुल सकते हैं। हालांकि, उपायुक्त अपने स्तर पर स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर सकते हैं, केवल वहीं जहां क्षेत्र अभी भी बाढ़ में हैं या इमारत क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ट्विट करते हुए लिखा, ‘सभी स्कूलों के प्रमुखों और प्रबंधन समितियों को यह भी निर्देश दिया जाता है कि वे आज अपने स्तर पर यह सुनिश्चित करें कि स्कूल भवन छात्रों के लिए सुरक्षित हैं और वे छात्रों की सभी प्रकार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे।’
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि यदि किसी इलाके में बाढ़ आ गई है या कोई स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गया है, तो संबंधित जिलों के उपायुक्त केवल उन स्कूलों में छुट्टी घोषित करेंगे।
शुक्रवार को सीएम भगवंत मान ने जालंधर के बाढ़ पीड़ित इलाकों का दौरा किया। सबसे पहले वो लोहिया कस्बा के गांव गिद्दरपिंडी पहुंचे थे। उन्होंने एनडीआरएफ टीमों के कार्यों का जायजा लिया। उसके बाद राहत बचाव कार्य में जुटे पंजाब सरकार के कर्मियों से भी मिले। इस मौके पर सीएम ने कहा कि यह मौका राजनीति का नहीं बल्कि सबके साथ खड़े होने का है। मान ने कहा कि यह कुदरत की मार है। हम सब को मिलकर काम करना चाहिए। सीएम ने कहा कि पंजाबी इस बात को लेकर जाने जाते हैं कि उन्होंने हमेशा लोगों की रक्षा के लिए कुर्बानी दी है। फसल तो दोबारा आ जाएगी। मगर इंसान हो या जानवर, किसी की भी जान नहीं जानी चाहिए।
वहीं यमुना के बढ़े जलस्तर की वजह से दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। दिल्ली के मौजूदा हालात का सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजधानी के 6 जिले प्रभावित हैं। अलग-अलग जगह पर कैंप लगाए हुए हैं। कोशिश यह की गई है कि अगर पास में कोई स्कूल या धर्मशाला है वहां पर यह कैंप लगाए गए हैं। यहां लोगों के लिए खाना-पानी और Toilets का इंतज़ाम है। केजरीवाल ने कहा कि जिन लोगों के इस बाढ़ में ज़रूरी काग़ज़ और बच्चों की किताबें बह गई हैं उनके लिए बाद में विशेष कैम्प लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए Books और Dress का इंतज़ाम किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि स्कूल 1-2 दिन और बंद रह सकते हैं।
इससे पहले पंजाब सरकार ने राज्य में लगातार बारिश को देखते हुए सभी स्कूलों को 13 जुलाई तक बंद रखने का आदेश दिया था। पंजाब के अलावा, गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन ने भी यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जिले में 14 जुलाई तक स्कूल बंद रखने की घोषणा की थी। शहर में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी स्कूलों को बंद कर दिया गया था।