केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) 2024–25 की रिपोर्ट के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। दरअसल, इस रिपोर्ट में सामने आया है कि लगातार तीसरे साल सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। सरकार के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के मुकाबले 2024-25 में छात्रों के कुल नामांकन में 11 लाख की गिरावट है जो कि चिंता का विषय है। इस दौरान प्राइवेट स्कूलों में एनरॉलमेंट बढ़ा है।
कुछ ऐसे हैं आंकड़े
शिक्षा मंत्रालय का UDISE+ डेटा जो कि प्री-प्राइमरी से लेकर उच्चत माध्यमिक स्तर तक स्कूली शिक्षा के मानकों पर नज़र रखता है उसके आंकड़े दर्शाते हैं कि 2024-25 में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कुल 24.69 करोड़ एडमिशन हुए जो कि 2023-24 में 24.80 करोड़ थे और 2022-23 में 25.18 करोड़ था।
इस गिरावट की क्या है वजह?
UDISE+ रिपोर्ट के डाटा को पेश करते हुए शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस गिरावट की वजह “जन्म दर में गिरावट और जन सांख्यिकीय बदलाव” है। हालांकि अधिकारी ने कहा कि केवल नई जनगणना के आंकड़े ही इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि प्राथमिक विद्यालय जाने वाली आबादी में गिरावट के पीछे जनसांख्यिकीय बदलाव था या नहीं। 2023-24 की तुलना में 2024-25 में कुल नामांकन में लगभग 0.5% (11.13 लाख छात्र) की मामूली गिरावट ही दर्ज की गई है।
प्राइवेट स्कूलों के आंकड़े
पिछले तीन साल में जहां सरकारी स्कूलों में एडमिशन कम हुए हैं तो वहीं प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन बढ़े हैं। निजी स्कूलों में नामांकन 2022-23 में 8.42 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 9 करोड़ और 2024-25 में 9.59 करोड़ हो गया। 2024-25 में निजी स्कूलों में नामांकन कुल नामांकन का 39% था, जो 2018-19 के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 33-37% के बीच था।