UP Digital Attendance: शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। सूत्रों के अनुसार, सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस के फैसले को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। मामले को लेकर पूरे प्रदेश भर में सरकारी स्कूलों के शिक्षक प्रदर्शन कर रहे थे। वे डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे थे।

मामले को लेकर शिक्षक संघ ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात की थी। इसके बाद मनोज कुमार सिंह ये आदेश जारी किया है। अब मामले में समस्या के निस्तारण के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी पूरे मामले की गहन जांच करेगी। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, दो महीने तक अब सरकारी स्कूल के शिक्षकों को डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगाना होगा। देखना है कि दो महीने बाद कमेटी इस पर क्या रिपोर्ट पेश करती है।

डिजिटल अटेंडेंस पर मायावती ने योगी सरकार को दी सलाह

डिजिटल अटेंडेंस मामले पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी सरकार को सलाह दी कि गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए डिजिटल हाजिरी से कहीं ज्यादा शिक्षकों की समुचित संख्या में भर्ती जरूरी है। बसपा प्रमुख ने मंगलवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा ”उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बंटाने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है। यह क्या उचित है?”

उन्होंने आरोप लगाया ‘‘शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी’’ भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है। मायावती ने इसी पोस्ट में सुझाव दिया ”इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की समुचित संख्या में भर्ती तथा बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी, गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।” उप्र सरकार ने गत दिनों राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की उपस्थिति के लिए डिजिटल हाजिरी के निर्देश दिए थे, जिसका शिक्षकों द्वारा विरोध किया जा रहा है।