पीएचडी में प्रवेश लेने वाले उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर आई है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने पीएचडी में प्रवेश के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक, डीयू के पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। अब पीएचडी में प्रवेश यूजीसी नेट परीक्षा में प्राप्त स्कोर के आधार पर लिया जाएगा। यूजीसी के मुताबिक, इसमें कुल तीन श्रेणी निर्धारित की गई हैं। आइए बदले गए नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

डीयू में पीएचडी में प्रवेश के लिए जारी नए नियम क्या है

हाल ही में यूजीसी ने पीएचडी में प्रवेश के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया था। यूजीसी के मुताबिक, डीयू ने पीएचडी में प्रवेश के लिए तीन श्रेणी रखी गई है।

पहली श्रेणी

पहली श्रेणी में जेआरएफ पास उम्मीदवारों को रखा जाएगा, जिनका प्रवेश पीएचडी में बिना प्रवेश परीक्षा नेट जेआरएफ के आधार पर होगा। इसके लिए सिर्फ साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा।

दूसरी श्रेणी

दूसरी श्रेणी में नेट पास उम्मीदवारों को रखा जाएगा। इन उम्मीदवारों का प्रवेश नेट स्कोर के आधार पर होगा। इसके लिए सिर्फ साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा। नेट का स्कोर सिर्फ एक साल के लिए मान्य होगा।

तीसरी श्रेणी

तीसरी श्रेणी में उन उम्मीदवारों को रखा गया है जिन्होंने न ही जेआरएफ पास किया है न ही नेट पास किया है। ऐसे उम्मीदवारों का प्रवेश यूजीसी नेट पेपर में प्राप्त अंक के आधार पर होगा। नेट में प्राप्त अंक सिर्फ एक साल के लिए मान्य होगा।

पुराना नियम क्या था

इससे पहले पीएचडी में प्रवेश के लिए सिर्फ दो श्रेणी होती थीं। पहली श्रेणी में नेट जेआरएफ और नेट पास उम्मीदवारों को रखा जाता था। वहीं दूसरी श्रेणी में नेट पास नहीं करने वाले उम्मीदवारों को रखा जाता था। पहली श्रेणी वालों को सीधे साक्षात्कार के बाद प्रवेश मिल जाता था। वहीं दूसरी श्रेणी वाले उम्मीदवारों के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता था।

डीयू के विभिन्न विभागों में काम करेंगे 140 विद्यार्थी

दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर के करीब 140 विद्यार्थी जून से विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यालयों में काम करेंगे। दरअसल, डीयू ने वीसी समर इंटर्नशिप योजना- 2024 के तहत बीते माह आवेदन मांगे थे। इस योजना के तहत करीब सात हजार आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से प्रशासन ने 140 विद्यार्थियों का चयन किया है। अब इन विद्यार्थियों को जून से जुलाई तक कार्यालयों में काम करने का अवसर मिलेगा।

इसके लिए उन्हें प्रति माह 10,500 रुपए भत्ते के रूप में मिलेंगे। योजना में नियमित कालेजों के यूजी-पीजी के पहले व दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को ही आवेदन करने का मौका मिलता है। प्रशिक्षण पूरा होने पर विद्यार्थियों को डीयू के ‘डीन स्टूडेंट वेलफेयर’ की ओर से प्रमाणपत्र दिया जाएगा जो कि उन्हें भविष्य में नौकरी पाने में मददगार बनेगा। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह 20 घंटे काम करना है।