दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सिंगल जज की बेंच के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (CNLU) को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) 2025 के संशोधित परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट के इस मामले में दखल देने से इनकार करने के बाद अब क्लैट 2025 परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा।

क्या था सिंगल बेंच का फैसला?

बता दें कि जस्टिस ज्योति सिंह की अगुवाई वाली सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया था कि CLAT प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी में पहचानी गई त्रुटियों में सुधार होना चाहिए और फिर उसके बाद मार्क्स को संशोधित किया जाना चाहिए। क्लैट परीक्षा परिणाम पर सवाल तब उठे जब 17 वर्षीय CLAT उम्मीदवार आदित्य सिंह ने एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने CLAT पेपर में विशिष्ट प्रश्नों में गलतियों को उजागर किया। चिह्नित प्रश्नों में से, प्रश्न 14 और प्रश्न 100 को गलत बताया गया था।

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किन प्रश्नों में निकली गलती

इस मामले की जांच करने के बाद सिंगल बेंच ने निर्धारित किया कि प्रश्न 14 के उत्तर विकल्पों में स्पष्ट गलती थी, जबकि प्रश्न 100 को पूरी तरह से अमान्य माना गया। इन त्रुटियों के परिणामस्वरूप, न्यायालय ने CNLU को आवश्यक सुधार करने और संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया जो कि सभी CLAT उम्मीदवारों पर लागू होगा। इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन वहां हाईकोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया।

अगली सुनवाई होगी 7 जनवरी 2025 को

हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 7 जनवरी, 2025 तय की है। एकल न्यायाधीश ने 20 दिसंबर को संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट) के एक अभ्यर्थी की याचिका पर अपना फैसला सुनाया था और प्रवेश परीक्षा में दो प्रश्नों के उत्तर गलत बताए थे। याचिका में सात दिसंबर को संघ द्वारा प्रकाशित उत्तर कुंजी को चुनौती दी गई थी और कुछ प्रश्नों के सही उत्तरों की घोषणा के लिए निर्देश देने की अपील की गई थी। एकल न्यायाधीश ने कहा कि त्रुटियां ‘स्पष्ट तौर पर दिख रही’ थीं और ‘उन पर आंखें मूंद लेना’ अन्याय करने के समान होगा।