केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की ओर से लगातार ‘डमी’ स्कूलों के खिलाफ कठोर फैसले लिए जा रहे हैं। बोर्ड ने एक बार फिर ये संकेत दिए हैं कि डमी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई रूकेगी नहीं बल्कि जारी रहेगी। अब बोर्ड ने एक और कठोर कदम उठाने की तैयारी कर ली है। दरअसल, बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि बोर्ड एग्जाम के लिए नियमित स्कूल नहीं आने वाले छात्रों को रेफर करने वाले स्कूलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड के नियम नहीं मानने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

इसका अर्थ है कि अगर किसी स्कूल ने किसी ऐसे स्टूडेंट को बोर्ड एग्जाम में बैठने के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया था जो रेग्युलर स्कूल नहीं आया है तो अब बोर्ड उन स्कूलों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगा। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि माता-पिता और छात्र दोनों ही नियमित रूप से स्कूल नहीं जाने के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं और नियमों का पालन नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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एक स्टूडेंट का मामला आया था सामने

बता दें कि डमी स्कूलों पर बोर्ड की इस कार्रवाई की बात ऐसे समय में सामने आई है जब बोर्ड एग्जाम खत्म होने वाले हैं और JEE Mains सेशन 2 की परीक्षा शुरू होने वाली है। स्कूलों के खिलाफ इस एक्शन की चर्चा ऐसे समय हो रही है जब हाल ही में एक ऐसे ही स्कूल के छात्र ने जेईई (मेन्स) सेशन 1 में टॉप किया था, लेकिन उसी छात्र को विभिन्न उल्लंघनों के आधार पर स्कूल ने मान्यता से वंचित कर दिया गया था। ये छात्र नांगलोई में एसजीएन पब्लिक स्कूल का था। उस वक्त एक औचक निरीक्षण के दौरान, स्कूल में सीबीएसई के मानदंडों का पालन करने में कमी पाई गई, जिसके बाद उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

हाईकोर्ट ने भी दिखाई थी सख्ती

बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए डमी स्कूलों की इस कवायद को “धोखाधड़ी” करार दिया था और सीबीएसई के साथ-साथ दिल्ली सरकार से भी कठोर कदम उठाने के आदेश दिए थे। 27 जनवरी, 2025 को जारी आदेश में मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारियों को ऐसे केंद्रों की जांच करने और उन्हें उपस्थिति मानकों का पालन करने के लिए बाध्य करने का निर्देश दिया।