CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए छात्रों के परिणाम 2020 घोषित होने की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। बोर्ड ने पिछले माह ही बचे हुए सब्जेक्ट्स की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं और जानकारी दी थी कि रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर दिए जाएंगे। अब छात्र अपने रिजल्ट के इंतजार में हैं और अगले सप्ताह रिजल्ट जारी करने के लिए बोर्ड ने तैयारी कर ली है। इस दौरान सोशल मीडिया पर रिजल्ट की डेट कंफर्म करने वाला एक फेक पोस्ट भी सर्कुलेट होने लगा जिससे छात्रों को बचना होगा।
CBSE 10th, 12th Result 2020 Result: Check here
बोर्ड ने इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण हो रहे एकेडमिक समय के नुकसान की भरपाई के लिए अगले सेशन के लिए 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए सिलेबस में कटौती करने का फैसला किया है। बोर्ड ने कुछ विषयों में से काटे गए टॉपिक्स की लिस्ट भी जारी की मगर इसपर भी राजनीति तेज हो गई। बोर्ड द्वारा राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता जैसे टॉपिक्स को सिलेबस से हटाने के फैसले का देशभर में विरोध हो रहा है। इस विषय में लगातार आ रही अपडेट्स की जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।
CBSE New Syllabus 2020-21: Check Here
कोरोनावायरस महामारी के दौरान छात्रों की पढ़ाई के बारे में बताते हुए HRD मंत्री ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देते रहे हैं। वहीं जो छात्र इंटरनेट के जरिए पढ़ाई नहीं कर सकते हैं उन्हें दूरदर्शन और रेडियो के उपयोग द्वारा उन छात्रों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।- शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।- स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।- क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत।
एक पूरा चैप्टर को हटाने के बजाय, बोर्ड ने NCERT से उन टॉपिक्स के बारे में सुझाव देने के लिए कहा जो या तो दोहराए गए या किसी दूसरे चैप्टर में कवर हो गए हैं। इस तरह पूरा चैप्टर हटाने के बजाय केवल टॉपिक्स को कम करके सिलेबस को कम करने की योजना बनाई जा रही है।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक- जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं- बेस्ट ऑफ 2 का औसत- जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं- उनके अंक और आंतरिक मूल्यांकन/प्रैक्टिकल का औसत।
जिन छात्रों ने सिर्फ एक या दो विषयों के पेपर ही दिए होंगे। ऐसे छात्रों के रिजल्ट तैयार करने के लिए उनके इन विषयों की परफारमेंस, इंटरनल प्रैक्टिकल असेसमेंट के अंकों को जोड़कर असेसमेंट होगा। हालांकि इस प्रकार में छात्रों की संख्या बेहद कम है और अधिकतर छात्र दिल्ली के ही हैं।
जिन छात्र ने तीन ही विषयों के पेपर दिए होंगे। ऐसे छात्रों का असेसमेंट बेस्ट टू (दो) से किया जाएगा। इसमें भी सबसे अधिक दो अंक लेने वाले विषयों के अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके आधार पर बचे हुए पेपर का अंक स्कोर निकलेगा।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक मिलेंगे - जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 2 का औसत तथा - जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं, उनके इंटरर्नल के नंबर तथा प्रैक्टिकल के स्कोर का औसत।
अपडेट सिलेबस के अनुसार, बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम युक्तिकरण अभ्यास में लोकतंत्र और विविधता, विमुद्रीकरण, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, भारत के अपने पड़ोसियों और भारत में स्थानीय सरकारों के संबंधों के साथ अध्यायों को छोड़ दिया है।
COVID19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान खराब हुए अकादमिक टाइम की भरपाई के लिए बोर्ड ने अब अगले सत्र के लिए सिलेबस कम करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने पाठ्यक्रम को कम करने में CBSE की सहायता की है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट में मामला आने के बाद बोर्ड ने अब परीक्षाएं रद्द कर दी हैं और रिजल्ट जारी करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा, परिणाम को लेकर 'फर्जी खबर' फैलाने की कोशिश करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। इस संबंध में बोड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिस भी जारी की है जिसमें पूरी जानकारी मौजूद है।
सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों, अभिभावकों और मीडिया को भी इस नोटिफिकेशन के जरिए सूचित किया है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और बोर्ड के आधिकारिक हैंडल पर आधिकारिक घोषणाओं की जांच करें।
लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन सीबीएसई बोर्ड समेत अन्य कई बोर्ड ने इससे निपटने के लिए ई-लर्निंग का तरीका निकाला है। ई-लर्निंग के जरिए छात्र अपने घरों में रहकर भी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
छात्र UMANG मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर भी अपना परिणाम देख और डाउनलोड कर सकते हैं, जो Android, iOS और Windows आधारित स्मार्ट फ़ोन के लिए उपलब्ध है। UMANG या यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित किया गया है।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर देगा। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक मिलेंगे - जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 2 का औसत तथा - जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं, उनके इंटरर्नल के नंबर तथा प्रैक्टिकल के स्कोर का औसत।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा 12वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कराने के लिए छात्रों के अभिभावक अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए थे। 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने COVID-19 महामारी के कारण देश में मौजूदा हालात को देखते हुए परीक्षाओं के आयोजन को छात्रों के लिए खतरा बताया और उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट में मामला आने के बाद बोर्ड ने अब परीक्षाएं रद्द कर दी हैं और रिजल्ट जारी करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के बाद महाराष्ट्र बोर्ड के छात्रों को बेसब्री से अपने परिणामों का इंतजार है। इस साल 13 लाख छात्रों ने HSC (उच्च विद्यालय प्रमाण पत्र) की परीक्षा दी थी, जिनका इंतजार लंबा होता जा रहा है। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर एजुकेशन (MSBSHSE) अब इसी महीने में दोनों कक्षाओं के परिणाम घोषित कर सकता है। रिजल्ट रिलीड डेट जानने के लिए यहां क्लिक करें-
CBSE Affiliation Application 2020: स्कूलों के पास इससे पहले सीबीएसई से संबद्धता के लिए आवेदन करने का समय 30 जून था। लेकिन कोरोनावायरस के कारण आवेदन की तिथि तीसरी बार बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दी गई है।
CBSE Affiliation Application 2020: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने स्कूलों से 2020-21 सत्र के लिए बोर्ड से संबद्धता के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि तीसरी बार बढ़ा दी है। स्कूलों के पास इससे पहले सीबीएसई से संबद्धता के लिए आवेदन करने का समय 30 जून था।
सीबीएसई बोर्ड एफिलिएशन के लिए अभी तक अप्लाई न कर पाने वालों को राहत दी है। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन, जिसमें बोर्ड ने विभिन्न श्रेणियों के तहत आवेदन जमा करने की तिथि बढ़ा दी है।
जारी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है, वहीं स्कूल के इंटर्नल एग्जॉम्स में सेल्फ स्टडी के टॉपिक्स को कवर किया जा सकता है। सीबीएसई छात्र के आंतरिक मूल्यांकन के लिए प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित करता है।
डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य नागरिकों के डिजिटल दस्तावेज़ वॉलेट को प्रामाणिक डिजिटल दस्तावेज़ों तक पहुंच प्रदान करके नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण ’का उद्देश्य है।
दरअसल ‘Parinam Manjusha’, digilocker.gov.in पर DigiLocker के साथ एकीकृत है। DigiLocker खाता क्रेडेंशियल छात्रों को CBSE के साथ पंजीकृत उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से भेजा जाता है।
CBSE कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के डिजिटल शैक्षणिक दस्तावेज जैसे मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और पास सर्टिफिकेट अपने स्वयं के शैक्षणिक भंडार ‘Parinam Manjusha’ के माध्यम से प्रदान करेगा।
CBSE द्वारा एक बार परिणाम घोषित होने के बाद, बोर्ड डिजीलॉकर और UMANG ऐप सहित विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर मार्कशीट जारी करता है। इन प्लैटफॉर्म के जरिए छात्र अपनी डिजिटल मार्कशीट डाउनलोड कर सकते हैं।
एक बार परिणाम घोषित होने के बाद, छात्र अपनी डिजिटल मार्कशीट ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
सीबीएसई कक्षा 10, 12 के छात्र अब एक विशेष योजना के तहत 15 जुलाई तक अपना परिणाम घोषित करने की तैयारी कर रहा है।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं आयोजित की जाएंगी। 9वीं और 11वीं क्लास के स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट्स, टेस्ट, टर्म एग्जाम आदि के आधार पर पास करने के लिए कहा गया है।
CBSE बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों या अभिभावकों से नंबर बढ़ाने के पैसे मांगे जाते हैं और उन्हें पैसे दिए जाते हैं तो ऐसे में छात्र या अभिभावक की भी गलती मानी जाएगी। बोर्ड किसी भी तरह से इसका जिम्मेदार नहीं होगा।
- जिन्होंने 3 से ज़्यादा परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 3 के एवरेज से बचे हुए विषय के अंक मिलेंगे - जिन्होंने 3 परीक्षा दी हैं, उन्हें बेस्ट ऑफ 2 का औसत तथा - जिन्होंने 1 या 2 ही परीक्षा दी हैं, उनके इंटरर्नल के नंबर तथा प्रैक्टिकल के स्कोर का औसत।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर देगा। CBSE मामले में याचिकाकर्ता के वकील सवाल किया कि 12वीं के बच्चों को दोबारा परीक्षा का मौका कब मिलेगा, इसे भी स्पष्ट किया जाए। हालाांकि इस बिंदु पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है।
पैरेंट्स ने कोर्ट के सामने कहा था कि बोर्ड जुलाई, 2020 के महीने परीक्षा आयोजित कराना चाहता है जिसमें AIIMS डेटा के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण अपने चरम पर होगा। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं रद्द कर दी गई।
सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और एक साथ कम से कम उपस्थिति के लिए, स्कूल दो शिफ्ट में होगा।- शिक्षकों को मास्क के साथ दस्ताने पहनना भी जरूरी होगा।- स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे।- क्लास में केवल तीन सीट वाले डेस्क पर दो छात्र ही बैठेंगे।
बोर्ड ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षाओं के रिजल्ट 06 जुलाई से 15 जुलाई तक जारी किए जाएंगे। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार कल से ही अपने रिजल्ट का इंतजार करना शुरू कर देंगे। रिजल्ट 15 जुलाई से पहले ही जारी कर दिए जाएंगे।
सीबीएसई ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस 30% तक काट दिया है। पाठ्यक्रम में कटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।
कक्षा 9 में सामाजिक विज्ञान की किताब से हटाये गए पांच अध्यायों में से एक ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ भी है। बोर्ड का कहना है कि इस चैप्टर को पूरी तरह से हटा दिया गया है।
10वीं की भूगोल से वन्य एवं वन्य जीवन समेत तीन पाठ और इतिहास से भी दो पाठ हटाए गए हैं। कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान से जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, भारत में खाद्य सुरक्षा आदि चैप्टर को हटाया गया है। 10वीं गणित से त्रिकोण का क्षेत्रफल समेत कई टॉपिक जबकि 9वीं से क्षेत्रफल का पूरा चैप्टर हटाया गया है। 9वीं व 10वीं की अंग्रेजी ग्रामर से पैसिव वॉयस के इस्तेमाल, प्रीपोजिशन आदि और लिटरेचर से पांच-पांच पाठ कम किए गए है। कक्षा 9 व 10 कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय से यूनिट चार स्क्रैच को हटा दिया गया है।
सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा।