बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर उपजा विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है। दरअसल, सोमवार को पटना में छात्रों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ। पिछले कुछ दिनों से छात्रों का प्रदर्शन पटना तक ही सीमित था, लेकिन सोमवार को यह अन्य जिलों तक भी फैल गया। इस प्रदर्शन की वजह से आम लोगों की दिनचर्या पर गंभीर प्रभाव पड़ा। लोगों को जाम जैसी समस्या का सामना करना पड़ा। वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और वॉटर केनन का भी इस्तेमाल किया। यह प्रदर्शन अब राजनीतिक रूप भी ले चुका है, क्योंकि कई राजनीतिक पार्टियों ने खुलकर इस विरोध का समर्थन करना शुरू कर दिया है।
BPSC Student Protest Live Updates
छात्रों के विरोध की क्या है वजह?
इस हंगामे के बीच अगर आपको यह नहीं पता है कि बिहार में आखिर छात्र क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं तो हम आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी देते हैं कि आखिर यह प्रदर्शन क्यों हो रहा है? छात्रों की किससे क्या मांग है? मांगों को पूरा क्यों नहीं किया जा रहा? इस तरह के सवाल आम लोगों के मन में आ रहे हैं जिसके जवाब आपको यहां मिलेंगे। बता दें कि BPSC छात्र 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि 13 दिसंबर को आयोजित हुई परीक्षा को रद्द किया जाए और पेपर दोबारा आयोजित हो।
छात्र क्यों कर रहे हैं ऐसी मांग?
बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने 13 दिसंबर 2024 को 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा का आयोजन किया था। एग्जाम वाले दिन पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हंगामा हुआ था। छात्रों ने प्रश्न पत्र फाड़ डाले थे और सेंटर की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया था। हंगामा करने वाले छात्रों ने आरोप था कि पेपर की सील पहले से खुली हुई थी। पेपर बांटने में आधे घंटे की देरी की गई और पेपर लीक किया गया। हालांकि हंगामे के बाद भी परीक्षा आयोजित हुई, लेकिन बाद में बापू परीक्षा केंद्र पर पेपर रद्द कर दिया गया और 4 जनवरी 2025 को दोबारा परीक्षा आयोजित कराने का ऐलान हुआ। अब छात्रों की मांग है कि पूरी परीक्षा को ही दोबारा आयोजित कराया जाए।
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आयोग ने दोबारा परीक्षा कराने से किया साफ इनकार
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि पूरी परीक्षा में ही गड़बड़ हुई है, इसलिए 13 दिसंबर का एग्जाम रद्द होना चाहिए और आयोग को दोबारा परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। इसी मांग को लेकर छात्र सड़कों पर हैं। वहीं दूसरी तरफ बिहार लोक सेवा आयोग ने दोबारा परीक्षा आयोजित कराने से साफ इनकार कर दिया है। आयोग का कहना है कि 911 सेंटर पर परीक्षा आयोजित हुई थी। सिर्फ 1 सेंटर पर ही विवाद हुआ तो हम वहां पेपर दोबारा करा रहे हैं, लेकिन अन्य किसी भी सेंटर से गड़बड़ी की बात सामने नहीं आई है, इसलिए दोबारा परीक्षा कराने का तो सवाल ही नहीं उठता।
ये हैं बीपीएससी कैंडिडेट्स की मांगें
प्रीलिम्स परीक्षा को दोबारा आयोजित कराया जाए।
एक परीक्षा हो और एक ही रिजल्ट जारी किया जाए।
छात्रों का सवाल है कि एक ही परीक्षा के लिए दोबारा परीक्षा कैसे ली जा सकती है? मेरिट लिस्ट कैसे बनेगी।
911 सेंटर पर परीक्षा हो चुकी है जबकि पटना के बापू सेंटर पर 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा होगी तो प्रश्नपत्र एक जैसा कैसे होगा।
अगर 4 जनवरी को होने वाली परीक्षा का पेपर आसान आया तो यह अन्य छात्रों के साथ न्याय नहीं होगा।
इस परीक्षा को लेकर पहले से ही हो रहा था विवाद
बता दें कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रीलिम्स परीक्षा के आयोजन से पहले ही इसको लेकर विवाद शुरू हो गया था। परीक्षा के आयोजन से पहले ही छात्र आयोग के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे थे। उस वक्त भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा था। दरअसल, उस वक्त छात्र नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ धरने पर बैठे थे। छात्रों का आरोप था कि बीपीएससी ने नॉर्मलाइजेशन का उपयोग ठीक से नहीं किया। इससे कम कठिनाई वाले शिफ्ट में शामिल छात्रों को अनुचित लाभ हुआ और कठिन शिफ्ट में शामिल छात्रों को नुकसान उठाना पड़ा है। साथ ही छात्रों का आरोप था कि नॉर्मलाइजेशन के कारण कट-ऑफ मार्क्स पर असर पड़ा, जिससे कई अभ्यर्थी नाराज हैं।
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?
नॉर्मलाइजेशन एक सांख्यिकीय प्रक्रिया है, जिसका उपयोग उन परीक्षाओं में किया जाता है जो अलग-अलग शिफ्टों में आयोजित होती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अलग-अलग शिफ्ट के प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर में संभावित अंतर के कारण किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।
राज्य सरकार में रिक्त पदों को भरता है BPSC
बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा हर प्रशासन में रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित की जाती है। लाखों उम्मीदवार हर साल इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और परीक्षा पास कर प्रशासन में नौकरी भी पाते हैं। आयोग की चयन प्रक्रिया तीन चरण में होती है। सबसे पहले प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित होती है उसके बाद प्री पास करने वाले कैंडिडेट मेन्स क्लियर करते हैं और फिर आखिर में इंटरव्यू आयोजित होता है।