केंद्र की भाजपा सरकार से गठनबंधन तोड़ने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार (23 जनवरी, 2017) को मुंबई में उन्होंने कहा, ‘हम हिंदुत्व के लिए हर राज्य में चुनाव लड़ेंगे। आज मैं इसकी शपथ लेता हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री खुद को पंत प्रधान कहते हैं लेकिन इस्राइल के पीएम को अहमदाबाद ले गए। वह उन्हें श्रीनगर के लाल चौक क्यों नहीं ले गए? उन्होंने श्रीनगर में रोड शो क्यों नहीं किया? क्या उन्होंने लाल चौक पर तिरंगा फहराया है? शिवसेना की नेशनल एग्जीक्यूटिव मीट में ठाकरे ने केद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर भी नेवी का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आर्म्ड फोर्स जवानों का असल मायनों में सीना छप्पन इंच का है। आप कैसे उनका अपमान कर सकते हैं?

बता दें कि भाजपा से गठबंधन तोड़ शिवसेना ने लोकसभा का चुनाव भी अकेले लड़ने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले का महाराष्ट्र की राजनीति पर बड़ा असर पड़ने वाला है। महाराष्ट्र सरकार के अलावा बीएमसी में दोनों पार्टियां गठबंधन से सरकार चला रही हैं। शिवसेना ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी की नेशनल एक्जीक्यूटिव का सदस्य बनाया गया है। इसे शिवसेना की विरासत अगली पीढ़ी को सौंपने की दिशा में उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि गठबंधन तोड़ने का यह फैसला शिवसेना ने अपनी नेशनल एग्जीक्यूटिव मीट में लिया है। हालांकि, लंबे वक्त से चली आ रही तल्खी को देखते हुए यह फैसला सामान्य ही माना जाएगा। शिवसेना केंद्र की मोदी सरकार, यहां तक कि राज्य की फडणवीस सरकार की खासी आलोचक रही है। नोटबंदी, जीएसटी जैसे केंद्र सरकार के फैसलों से लेकर हर उस मुद्दे पर शिवसेना अपने सहयोगी पर हमलावर रही, जिसके जरिए विरोधी पार्टियों ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की।