भारत की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में स्थानीय अदालत के समक्ष पेश नहीं होने के कारण शुक्रवार को गैर जमानती वारंट जारी किया गया। धोनी अभी 12 से 31 जनवरी के बीच होने वाली वनडे और टी20 सीरीज के लिए आस्ट्रेलियाई दौरे पर हैं। उन्हें विहिप कार्यकर्ता वाई श्यामसुंदर द्वारा दायर मामले की सुनवाई के लिए 25 फरवरी को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।

भारतीय वनडे और टी20 कप्तान पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है। उन्हें एक व्यापार पत्रिका के कवर पेज पर भगवान विष्णु के रू प में दिखाया गया है और उन्होंने अपने हाथों में कई चीजें थाम रखी हैं। उनके एक हाथ में जूते भी हैं। धोनी पर यहां एक स्थानीय अदालत द्वारा जारी समन को नजरअंदाज करने का आरोप है लेकिन इस स्टार क्रिकेटर के वकील रजनीश चोपड़ा ने आज इनका खंडन किया। चोपड़ा ने कहा कि इस विकेटकीपर बल्लेबाज के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट गलत है।

उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं लेकिन असल में उन्हें वर्तमान मामले के संदर्भ में निजी तौर पर कभी कोई समन नहीं मिला, इसलिए यह आदेश गलत प्रतीत होता है। धोनी का प्रबंधन करने वाले रिति स्पोर्ट्स के बयान में चोपड़ा ने कहा कि यहां तक इसी तरह के मामले में कर्नाटक के बंगलुरु में जिला अदालत में एक मामला लंबित है और सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगा रखी है।