केरल में भाजपा पहली बार विधानसभा सीट जीतने में कामयाब रही और उसके वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन अब केरल भाजपा से खींचतान और असंतोष की खबर आ रही है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए स्थानीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को खत लिखकर इस बारे में शिकायत करने जा रहे हैं। वहीं एक अन्य नेता भी नाराज हैं और वे भी शिकायत करने की सोच रहे हैं।
भाजपा के केंद्रीय नेताओं के एक सेक्शन का कहना है कि केरल भाजपा ने कई ऐसी रणनीतियां बनाई जिसके चलते पार्टी को नुकसान हुआ। इसके कारण पार्टी को कम सीटें मिली और वोट प्रतिशत भी 20 प्रतिशत से कम रहा। उनका कहना है कि टिकट बंटवारे के कारण भी पार्टी के ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीदों को झटका लगा। सूत्रों का कहना है कि भाजपा की राज्य सचिव सोभा सुरेंद्रन ने अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। उनका आरोप है कि पलक्कड़ जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष सी कृष्णकुमार ने उनका सहयोग नहीं किया और उन्हें हराने के लिए काम किया।
सूत्रों ने साथ ही बताया कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई भी अपनी शिकायत को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को खत लिख सकते हैं। बताया जाता है कि वे पहले ही केरल भाजपा के नेताओं के असहयोग पर नाराजगी जता चुके हैं। पिल्लई ने कहा, ”सारे फेक्टर मेरे पक्ष में थे। लेकिन 17000 मुस्लिम मतों में से 10 हजार एकतरफा लेफ्ट को चले गए।” पिल्लई चेंगन्नूर से उम्मीदवार थे। वोट शेयर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि 2011 में यहां भाजपा को 4 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 30 हो गया। पिल्लई का कहना है कि अगर पीएम मोदी उनकी सीट पर प्रचार करते तो नतीजा अलग होता। लेकिन वे इतने लकी नहीं थे।
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एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”जिन सीटों पर जीतने की उम्मीद थी वहां के लिए उम्मीदवारों का चयन गलत था क्योंकि वहां पर बाहरियों को टिकट दिया गया।” केरल भाजपा के एक नेता ने कहा कि अशोक कुमार जैसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया। वे तिरुवनंतपुरम में लोकप्रिय हैं। उनकी जगह क्रिकेटर श्रीसंत को उतारा गया। श्रीसंत एर्नाकुलम के रहने वाले हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि एसएनडीपी योगम के नेता वेलापल्ली नातेसन को बढ़ावा दिए जाने से भी नुकसान हुआ। इससे नैयर समुदाय के नेता नाराज हो गए।
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