राजस्थान में धौलपुर-भरतपुर के जाटों के अन्य पिछडे वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण का मुद्दा फिर गरमा गया है। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने-सामने हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो आरक्षण व्यवस्था पर वसुंधरा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार जनता को भ्रमित करने में लगी है।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार को यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कई मामलों में वसुंधरा सरकार को जमकर घेरा। भरतपुर-धौलपुर के जाटों के आरक्षण के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि सवर्णों को 14 फीसद आरक्षण की व्यवस्था देना उनकी सरकार का फार्मूला था। इसके लिए हमने केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करने के लिए पत्र भी लिखा था। पर मौजूदा वसुंधरा सरकार आरक्षण को लेकर बार-बार बिल ला रही है, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मामले मेंं वसुंधरा सरकार गलत परंपरा डाल रही है।

सरकार को पता है कि जिस तरह की आरक्षण व्यवस्था को लेकर बिल लाया जा रहा है, उसे लागू नहीं करवाया जा सकता है। सरकार प्रदेश की जनता को भ्रमित करने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है जो यह परंपरा सही नहीं है।
गहलोत ने प्रदेश में रिफाइनरी की स्थापना में हो रही देरी पर एक बार फिर वसुंधरा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार इसकी स्थापना में जानबूझ कर देरी कर रही है। सरकार को साफ करना चाहिए कि रिफाइनरी की स्थापना कब तक हो जाएगी। रिफाइनरी प्रदेश की जनता का हक है और इससे उसका फायदा होगा। गहलोत ने कहा कि भारी बहुमत मिलने के बाद भी मौजूदा सरकार से जनता दुखी है।
जेएनयू विवाद पर गहलोत ने कहा कि इस मामले में भाजपा बेवजह की राजनीति कर रही है। जेएनयू विवाद पर गृह मंत्री के बयान पर गहलोत ने कहा कि भाजपा उन्हें आगे रख कर बयान दिला रही है। इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन, पुलिस और प्रशासन के स्तर पर गहनता से जांच होनी चाहिए। ऐसे मामलों में गृह मंत्री को बयान नहीं देना चाहिए। गृह मंत्री के इस तरह के बयानों से गलतफहमी पैदा होती है।
भरतपुर-धौलपुर के जाटों को ओबीसी में आरक्षण के मसले पर भरतपुर में हुई रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बयान के बाद तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी भी मैदान में आ गए हैं। पायलट ने भरतपुर में इस मुद्दे पर कहा था कि आरक्षण में देरी के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। पायलट ने कहा था कि कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएगी।

इसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष परनामी और संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने सरकार का पक्ष रखा। परनामी का कहना है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब क्यों नहीं भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने के कदम उठाए गए। कांग्रेस बेवजह इस मामले को राजनीतिक तूल देने में लगी है।

इस मामले में राठौड़ का कहना है कि सरकार ने इस मामले में संवेदनशीलता बरतते हुए ही ओबीसी आयोग का गठन किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस मामले का निपटारा हो जाएगा।