वेस्टइंडीज के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले भारत को करारा झटका लगा है क्योंकि उसके आल राउंडर युवराज सिंह टखने की चोट के कारण मौजूदा विश्व टी20 से बाहर हो गए हैं। युवराज की जगह मनीष पांडे को टीम में शामिल किया गया है, उन्हें सोमवार को उनके कवर के तौर पर बुलाया गया था। आइसीसी ने बयान में कहा, ‘आइसीसी ने पुष्टि की है कि आइसीसी विश्व ट्वेंटी20 भारत 2016 की टूर्नामेंट तकनीकी समिति ने टूर्नामेंट में भारत की टीम में युवराज सिंह की जगह मनीष पांडे को शामिल करने की मंजूरी दे दी है।’ युवराज मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में बल्लेबाजी करते हुए अपना टखना मुड़ा बैठे थे और उन्हें इसके कारण टूर्नामेंट में आगे भाग लेने से रोक दिया गया।

बाएं हाथ का यह बल्लेबाज पिछले मैच में 21 रन पर आउट हो गया था और टखना मुड़ने से काफी दर्द में था जिससे फिजियो को मैदान में जाकर उनका उपचार करना पड़ा था। छब्बीस वर्षीय पांडे ने दो टी20 मैच खेले हैं जो पिछले साल जुलाई में हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ थे। वह चार वनडे भी खेल चुके हैं। पांडे पिछली बार भारत के लिये आस्ट्रेलिया में द्विपक्षीय सीरीज में सिडनी में पांचवें और अंतिम वनडे में खेले थे, जिसमें उन्होंने पहला शतक जड़ा था।

आइसीसी ने कहा, ‘किसी भी तरह की चोट या बीमारी से टीम में बदलाव के लिए टूर्नामेंट तकनीकी समिति में लिखित में डॉक्टर की सलाह कि यह चोट या बीमारी कैसी है, सौंपना होता है। एक बार खिलाड़ी के बदल दिए जाने के बाद बाहर होने वाला खिलाड़ी दोबारा से टीम में वापसी नहीं कर सकता।’ आइसीसी विश्व ट्वेंटी20 भारत 2016 की टूर्नामेंट तकनीकी समिति में ज्योफ अलार्डिस (आइसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक, चेयरमैन), अनुराग ठाकुर (मेजबान प्रतिनिधि), एमवी श्रीधर (टूर्नामेंट निदेशक), कैम्पबेल जेमिसन (आइबीसी प्रतिनिधि और आइसीसी के कर्मिशियल महाप्रबंधक) और इयान बिशप और निक नाइट (स्वंतत्र प्रत्याशी) शामिल हैं। भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने कहा कि बड़े मैच में युवराज की कमी खलेगी।

शास्त्री ने मैच से पूर्व कहा, ‘इसका काफी असर पड़ेगा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके तीन ओवर ने हमें मुकाबले में वापसी कराई। इसलिए उसकी काफी कमी खलेगी। दुर्भाग्य से उसे यह चोट मैच के दौरान लगी।’ युवराज ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पहली गेंद पर विपक्षी टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ का महत्त्वपूर्ण विकेट चटकाया था। उन्होंने अपने तीन ओवरों में केवल 19 रन लुटाए थे, जिससे भारत को आस्ट्रेलिया पर शिकंजा कसने में मदद मिली।