पिछले तीन बार के विजेता ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान मेट लैनिंग की समझबूझ भरी पारी के बाद गेंदबाजों के आखिरी दस ओवरों में किये गये उत्कृष्ट प्रदर्शन से बुधवार (30 मार्च) को यहां अपने चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को एक करीबी मुकाबले में पांच रन से हराकर चौथी बार आईसीसी महिला विश्व टी20 चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर छह विकेट पर 132 रन बनाये। अलीसा हीली (25) और एलिस विलानी (19) से अच्छी शुरुआत मिलने के बाद लैनिंग ने 50 गेंदों पर 55 रन की जबर्दस्त पारी खेली। इसके जवाब में 2009 की चैंपियन इंग्लैंड ने अच्छी शुरुआत की। कप्तान चार्लोट एडवर्ड्स (31) और टैमी बियुमोंट (32) ने पहले विकेट के लिये 67 रन जोड़े लेकिन बाद में उसने लगातार विकेट गंवाये और आखिर में उसकी टीम सात विकेट पर 127 रन तक ही पहुंच पायी।

ऑस्ट्रेलिया ने पिछले दो अवसरों पर फाइनल में इंग्लैंड को हराया और वह एशेज के अपने इस प्रतिद्वंद्वी पर महिला विश्व टी20 में अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रहा। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के बीच गुरुवार (31 मार्च) होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा।

इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी रही और एक समय लग रहा था कि वह ऑस्ट्रेलिया से पिछले वर्षों की हार का बदला चुकता करने में सफल रहेगा लेकिन आखिरी दस ओवरों में तस्वीर एकदम से पलट गयी। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की तारीफ करनी होगी जिन्होंने अपनी टीम को शानदार वापसी दिलायी। उसकी तरफ से मेगान स्कट ने 15 रन देकर दो विकेट लिये जबकि एरिन ओसबोर्न, एलिस पेरी, क्रिस्टीन बीम्स और रेने फेरेल को एक . एक विकेट मिला।

हार के लिये इंग्लैंड काफी हद तक खुद दोषी है क्योंकि उसे आखिरी सात ओवरों में केवल 45 रन चाहिए थे और उसके पास नौ विकेट बचे हुए थे। इसके बाद उसने 39 रन के अंदर छह विकेट गंवा दिये। एडवर्ड्स और बियुमोंट ने सहजता से पारी आगे बढ़ायी। बियुमोंट ने इस बीच पेरी पर स्क्वायर लेग क्षेत्र में छक्का भी लगाया। जब ये दोनों इंग्लैंड को जीत की तरफ ले जा रही थी तब बीम्स ने एडवर्ड्स को लैनिंग के हाथों कैच कराकर ऑस्ट्रेलिया को पहली सफलता दिलायी। इसके बावजूद इंग्लैंड अच्छी स्थिति में दिख रहा था। सारा टेलर (21) ने जेस जोनसेन पर छक्का जड़कर अपने तेवर दिखाये लेकिन इसके बाद तस्वीर एकदम से बदल गयी।

स्कट के अगले ओवर में लैनिंग ने डाइव लगाकर बियुमोंट का कैच लिया और यह मैच का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। इंग्लैंड की खिलाड़ी क्रीज पर आती और गलत शॉट खेलकर वापस लौट जाती। सारा टेलर ने भी फेरेल पर रिवर्स स्वीप करने के प्रयास में विकेटकीपर हीली को कैच दे दिया। कैथरीन ब्रेट (11) ने इस ओवर में छक्का भी जड़ा लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हुआ। इंग्लैंड को आखिरी ओवर में 13 रन की दरकार थी लेकिन ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्ररक्षकों ने गेंद को सीमा रेखा तक नहीं पहुंचने दिया।

इससे पहले हीली और विलानी ने ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर शुरुआती पांच ओवरों में 41 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलायी, लेकिन इन दोनों के लगातार ओवरों में आउट होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम बैकफुट पर चली गयी। उसकी रन गति भी धीमी पड़ गयी और गेंद पहले ही तरह सीमा रेखा तक भी नहीं पहुंच पायी। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से पहले पांच ओवरों में जहां आठ चौके लगे वहीं बाकी 15 ओवरों में केवल सात बार ही गेंद सीमा रेखा तक पहुंची। हीली ने कैथरीन ब्रंट के लगातार ओवरों में दो-दो चौके लगाये जबकि विलानी ने अन्या श्रबसोले के एक ओवर में तीन बार गेंद को चार रन के लिये भेजा।

एडवर्ड्स ने पावरप्ले के आखिरी ओवर में मध्यम गति की गेंदबाज नताली साइवर को गेंद सौंपी और उन्होंने अपनी तीसरी गेंद पर विलानी को पगबाधा आउट करके इंग्लैंड को बड़ी राहत दिलाायी। लौरा मार्श ने अगले ओवर में हीली को भी इसी तरह से आउट करके पवेलियन की राह दिखायी। इसके बाद हालांकि लैनिंग ने पारी संवारने पर ध्यान दिया लेकिन उनकी बाकी बल्लेबाज अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पायी। सलामी जोड़ी के आउट होने के बाद केवल लैनिंग ही मुख्य रूप से रन बनाये। ऑस्ट्रेलियाई पारी में 15 चौके लगे जिनमें लैनिंग के छह, हीली ने पांच ओर विलानी के चार चौके शामिल हैं।

लैनिंग ने आखिरी ओवर में रन आउट होने से पहले स्ट्राइक रोटेट करने पर ध्यान दिया। अन्य बल्लेबाजों में एलेक्स ब्लैकवेल ने 11 और एलिस पैरी ने दस रन का योगदान दिया। इंग्लैंड की तरफ से साइवर ने 22 रन देकर दो जबकि मार्श और जेनी गुन ने एक-एक विकेट लिया।