निर्भय कुमार पांडेय
कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छोटी कक्षाओं के छात्रों की मदद कर रहे हैं। यह नजारा किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली एनसीआर की सीमाओं का है। यहां कई दिनों से गाजीपुर बार्डर, सिंघू बार्डर और टिकरी बॉर्डर के अलावा अन्य बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
उनके समर्थन में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से किसान, आंदोलन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। दो दिनों से गाजीपुर बॉर्डर के पास यूपी गेट पर किसानों का जमावड़ा लग रहा है। किसानों के समर्थन में उनके साथ बच्चे भी पहुंच रहे हैं। ये स्कूल छात्र आंदोलन स्थल पर समय निकाल कर अपनी पढ़ाई भी जारी रख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के रामपुर, नवाबगंज से आए छात्र गुरताज सिंह ने बताया कि सात-आठ दिन पहले आंदोलन में शामिल होने के लिए आया था। गुरताज एक निजी स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र है। उसके पिता भी आंदोलन में शामिल हैं।
हालांकि, उनकी मां घर में बहनों के साथ हैं। गुरताज अपने साथ किताब नहीं ला पाया है, लेकिन दोस्तों से फोन पर बात कर आॅनलाइन क्लास की जानकारी लेते रहता है। बाद में जब उनको वक्त मिलता है तो वह अपनी पढ़ाई जारी रखता है।
उन्होंने बताया कि कुछ कॉलेज पढ़ने वाले छात्र भी उनकी पढ़ाई में मदद करते हैं। गुरताज चाहता है कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की मांगों को मानते हुए तीनों कानून तुरंत रद्द करे।
सितारगंज, उत्तराखंड से आए साहिब सिंह (17) ने बताया कि वह 9वीं कक्षा का छात्र है। वह अपने बड़े भाई लक्की सिंह के साथ आंदोलन में शामिल होने के लिए आया है। उसका भाई कॉलेज में पढ़ता है। सुबह के वक्त उसकी आॅनलाइन क्लास होती है।
वह कक्षा के बाद आंदोलन में शामिल होता है। साहिब सिंह ने बताया कि वह तीन दिनों में गाजीपुर स्थित यूपी गेट पहुंचा।