निगम पदाधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने निगम के फंड को लेकर जिस तरह विधानसभा का विशेष सत्र झूठे मुद्दे पर बुलाया और दिल्ली की जनता को दिग्भ्रमित किया। उसी तरह अब तीनों निगम विशेष सत्र बुलाकर दिल्ली सरकार से 13 हजार करोड़ रुपए लेने के लिए चर्चा और प्रस्ताव पास करेगी।
उत्तरी नगर निगम के महापौर जयप्रकाश जेपी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने हमें 13 दिन अपने दरवाजे पर बैठा कर यह सबक दे दिया है कि सरकार से पैसे कैसे लिया जा सकता है। हम 13 हजार करोड़ की मांग को लेकर तीनों निगम का संयुक्त सत्र बुलाएंगे। 272 निगम पार्षद चर्चा कर सरकार को बाध्य करेंगे कि वह हमारे पैसे नहीं रोक सकते हैं?
जयप्रकाश का कहना है कि आखिर दिल्ली सरकार निगम के पैसे को लेकर विशेष सत्र बुलाकर दिल्ली की जनता को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या बताना चाहते हैं? हमने इस बात पर बहुत चर्चा की है और जब दिल्ली की मूलभूत सुविधाएं यथा प्राथमिक शिक्षा, अस्पताल, पार्क और यहां तक कि दिल्ली सरकार के अनधिकृत कॉलोनी में साफ-सफाई निगम करती है तो दिल्ली सरकार हमारे पैसे रोककर क्या संदेश देना चाहते हैं?
दो लाख निगम कर्मचारी और 50 हजार पेंशन भोगियों का हस्र दिल्ली सरकार को महंगा पड़ेगा। पूर्वी नगर निगम के महापौर निर्मल जैन का कहना है कि हम जनता के लिए 13 दिन धरने पर बैठे, खुले आकाश के नीचे ठन्ड में तीन दिन भूख हड़ताल की। क्योंकि कोर्ट का आदेश था और हमारी यह जिम्मेवारी थी कि हम कानून का पालन करें इसलिए हमने अनशन को समाप्त कर दिया।
लेकिन 13 हजार करोड़ की मांग जारी रहेगी और यह आर-पार की लड़ाई तब तक चलेगी जब तक सरकार हमारे पैसे नहीं देती है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर अनामिका का कहना है कि 13 दिनों तक लगातार हमने अपनी मांगों के लिए संघर्ष किया, धरना जरूर समाप्त हुआ है लेकिन यह जन आंदोलन खत्म नहीं होगा। अपनी मांगों के लिए किए जा रहे इस संघर्ष को हम घर-घर तक लेकर जाएंगे और दिल्ली की जनता के सामने मुख्यमंत्री का असली चेहरा सामने लाएंगे।
हम इस कड़ाके की ठंड में भूखे प्यासे सड़क पर बैठे रहे परंतु मुख्यमंत्री मानवता के नाते ही एक बार भी बाहर आकर हमारा हाल चाल नहीं पूछा। हमारे निगम नेताओं की तबियत खराब हो गई लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि जनता और निगम कर्मचारियों की हक की लड़ाई हर हाल में हम जीतकर रहेंगे और अपना बकाया 13 हजार करोड़ का फंड लेकर ही रहेंगे।
उत्तरी निगम ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर अनियमितता को नकारा
भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने रविवार को विभिन्न प्रमुख अखबारों में एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया है कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के लिए 2,457 करोड़ रुपए माफ करने संबंधी आरोप गलत और आधारहीन है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने हाल ही में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के संबंध में एनडीएमसी द्वारा ‘2,500 करोड़ रुपए के गबन’ का आरोप लगाया था। पार्टी ने कथित अनियमितता की केंद्रीय अंवेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराने की मांग की थी। हालांकि, सार्वजनिक नोटिस में किसी के नाम का जिक्र नहीं किया गया है कि आरोप किसने लगाया।