उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानून-व्यवस्था सुचारु बनाने का एक नायाब तरीका निकाला है। वहां के पुलिस महानिरीक्षक ने अपने सभी मातहत अधिकारियों को एक परिपत्र जारी कर आदेश दिया है कि वे हिंदू पंचांग देख कर चंद्रमा की गति के अनुसार सतर्कता बरतना शुरू कर दें, तो अपराध पर नकेल कसना आसान हो जाएगा।

उनका दृढ़ विश्वास है कि अपराधी चंद्रमा की गति के अनुसार सक्रिय होते हैं। यानी जिस दिन अंधेरी रात होती है, उस दिन उनके लिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना आसान होता है। पुलिस अगर उसी समय सक्रिय हो जाए, तो उन पर लगाम कसी जा सकती है। यह शायद दुनिया में पहली बार होगा, जब पुलिस ने अपराध को इस दृष्टि से देखा है।

महानिरीक्षक ने बकायदा इसके लिए चार्ट बना कर अधिकारियों को समझाया। फिर उन्हें शायद भरोसा नहीं हुआ कि उनके अधिकारी उनके नुस्खे को अच्छी तरह समझ पाए हैं, इसलिए उन्होंने वीडियो बना कर जारी किया। उन्होंने आम लोगों को भी पंचांग के अनुसार सतर्क रहने को कहा है। पुरानी ग्रामीण मान्यताओं में बेशक यह बात लोगों की धारणा में बद्ध है कि अमावस्या की रात में चोर अधिक सक्रिय होते हैं। मगर आज जिस तरह अपराधों की प्रकृति और अपराधियों की प्रवृत्ति बदली है, उसमें चंद्रमा की कलाओं का उन पर कितना असर पड़ता है, कहना मुश्किल है।

चंद्रमा की गतियों के अनुसार अपराध रोकने के लिए सक्रिय होने की बात उस प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने कही है, जहां अपराधी दिन दहाड़े तमंचा लहराते सड़कों पर घूमते और जहां मर्जी सरेआम किसी की हत्या करके निकल भागते हैं। भरी अदालतों में और पुलिस घेरेबंदी के बीच भी हत्या करने में उन्हें कोई हिचक महसूस नहीं होती। पुलिस अधिकारियों तक की हत्या कर देने में उनके हाथ नहीं कांपते।

ऐसे में चंद्रमा की गतियों को और पंचांग में मुहूर्त देख कर पुलिस को कार्रवाई करने की सीख से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ का दावा है कि वे प्रदेश को अपराधमुक्त बनाएंगे। पिछले कार्यकाल में इस बात को हर मंच से दोहराते न थकते थे। इसके लिए उन्होंने पुलिस के हाथ भी खोल दिए।

इस तरह पिछले पांच-छह सालों में कई नामी-इनामी बदमाश मारे भी जा चुके हैं। अपराध करने वालों के ठिकानों पर बुलडोजर चढ़ा कर उनका मनोबल तोड़ने का प्रयास किया गया है। मगर हैरानी कि मौजूदा महानिदेशक पुलिस को पंचाग देख कर चौकस होने का पाठ पढ़ा रहे हैं।

सब जानते हैं कि अपराध की प्रकृति किस तरह बदल गई है और अपराधी आधुनिक तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल कर रणनीति बनाते और अपनी साजिशों को अंजाम देते हैं। ऐसे में पुलिस से अपेक्षा की जाती है कि वह भी आधुनिक तकनीकों से लैस हो और अपराधियों के साजिशों को अंजाम देने से पहले ही सतर्क हो जाए।

अपराध पर लगाम लगाने का सबसे प्रभावी तरीका यही होता है कि अपराध करने से पहले ही अपराधियों को गिरफ्त में ले लिया जाए। इस तरह उनके मन में कानून का भय पैदा होता है। यह तभी संभव है, जब उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी रूप से दक्ष और चौकस हो। मगर उस पर शिथिलता, लापरवाही, पक्षपात, मनमानी और डंडे के जोर पर काम करने के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे में महानिदेशक का पंचांग देख कर काम करने का निर्देश उनमें कितनी सक्रियता भरेगा, देखने की बात है।