सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और इस रास्ते भारत को अस्थिर करने की मंशा से पाकिस्तान स्थित ठिकानों से आतंकवादी गिरोह किस-किस तरह की हरकतें करते रहते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन पिछले कुछ समय से उन्होंने एक नए ‘हथियार’ को आजमाना शुरू कर दिया है। यह हथियार है मादक पदार्थों को भारत में भेजना, ताकि इसकी ओर आकर्षित होने वालों की नशे तक आसान पहुंच बने।
गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल ने पंजाब के अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया और तीन किलो से ज्यादा यानी करीब इक्कीस करोड़ रुपए की हेराइन बरामद की। ऐसा नहीं है कि ऐसी यह कोई पहली घटना है। भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन या अन्य तरीकों से पाकिस्तानी सीमा-क्षेत्र से घुसपैठ या मादक पदार्थों की खेप भेजने की कोशिश में आए दिन लोग पकड़े जाते हैं या ड्रोन को मार गिराया जाता है। पिछले महीने ही केरल में समुद्र तट पर ेस्वापक नियंत्रण ब्यूरो ने एक पाकिस्तानी नागरिक को लगभग बारह सौ करोड़ रुपए मूल्य के मादक पदार्थों के साथ पकड़ा था।
पिछले डेढ़-दो दशकों से पंजाब किस तरह नशे की गिरफ्त में रहा और इसका वहां के आम लोगों के जीवन पर कैसा असर पड़ा, यह छिपा नहीं है। बल्कि यह कहा जा सकता है कि अगर किसी समाज की ज्यादातर आबादी को किसी नशे की लत में डुबो दिया जाए तो हर स्तर पर उसका विकास अपने आप ही बाधित हो जाएगा। पंजाब का उदाहरण सामने है, जहां युवाओं सहित भारी तादाद में लोग अलग-अलग तरह के नशे के शिकार हो गए।
अब इस ओर ध्यान जाने के बाद वहां के लोगों के सामने इस समस्या से पार पाना एक बड़ी चुनौती हो गई है। हालांकि पंजाब के लोग खुद भी अब अपने स्तर पर मादक पदार्थों के खिलाफ जागरूक हो रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के सरगनाओं ने नशे के असर से पैदा होने वाली कमजोरी की पहचान कर ली है और वे पंजाब सहित जम्मू-कश्मीर में भी ड्रोन, घुसपैठ या किसी अन्य जरिए से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं।
दरअसल, ऐसा करने वालों को इस बात का खूब अंदाजा है कि मादक पदार्थों के नशे की चपेट में आए लोग किसी भी देश के लिए कैसी समस्या बन सकते हैं। इस संजाल में फंसने वाले किशोरों और युवाओं को आसानी से किसी आपराधिक गतिविधि की ओर धकेला जा सकता है, देश के खिलाफ प्रतिगामी विचारों से अनुकूलित किया जा सकता है।
शायद यही वजह है कि पाकिस्तानी सीमा के भीतर से काम करने वाले आतंकी गिरोह एक ओर जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की रणनीति पर काम करते हैं, वहीं पंजाब के रास्ते भी भारत में चुपचाप और आधुनिक तकनीकी का सहारा लेकर मादक पदार्थों की खेप भेज देते हैं। बल्कि अब कश्मीर में भी चुपके से वहां के युवकों तक नशीले पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि उसका लती बना कर उनसे अपनी मंशा पूरी कराई जा सके।
सच यह है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने जब से सख्त रुख अख्तियार किया है, तब से पाकिस्तान स्थित ठिकानों से अपनी गतिविधियां संचालित करने वाले आतंकी गिरोहों के लिए प्रत्यक्ष आतंकी वारदात को अंजाम देना मुश्किल होने लगा है और ऐसी घटनाओं में कमी आई है। इसलिए अब वे यहां के युवाओं को मादक पदार्थों के संजाल में फंसा कर दूसरे स्तर से बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। जाहिर है, सरकार को अब इस मोर्चे पर भी हर वक्त सजग रहने की जरूरत है।