आमतौर पर होटलों में ठहरने के दौरान यह उम्मीद की जाती है कि वहां सुकून के साथ सुरक्षित माहौल भी होगा। मगर देश भर के कई होटलों में जिस तरह की लापरवाही बरती जाती है, वह चिंताजनक है। सुरक्षा के बुनियादी इंतजाम न होने के कारण कई दफा लोगों की जान तक चली जाती है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में ऐसी ही एक घटना सामने आई है। यहां एक होटल में सोमवार रात अंगीठी के धुएं के कारण पांच लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। ये सभी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से इस होटल में रंग-रोगन संबंधी कार्य के लिए आए थे और वहीं एक कमरे में ठहरे थे।
यह आश्चर्य की बात है कि इस होटल के कमरे में अंगीठी का इस्तेमाल हो रहा था। ऐसे में सवाल है कि अंगीठी का बंदोबस्त होटल प्रबंधन ने ही किया था या फिर इन लोगों ने अपने स्तर पर इसका इंतजाम किया? और अगर निजी तौर पर वहां अंगीठी लाई गई थी, तो कर्मचारियों ने उन्हें रोका क्यों नहीं! यहां तक कि कमरे से उठते धुएं पर भी ध्यान न देना गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करता है।
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होटलों में प्राथमिक सुविधाओं के साथ सुरक्षा संबंधी बंदोबस्त की जांच करना स्थानीय प्रशासन की भी जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि धुएं और आग की चेतावनी देने वाले उपकरण आमतौर पर कर्मचारियों को सचेत कर देते हैं। ऐसे में सवाल है कि इस होटल में क्या जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं लगाए गए थे?
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इस तरह की व्यवस्थागत खामी के लिए होटल प्रबंधन के साथ-साथ वे अधिकारी भी जिम्मेदार हैं, जो व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में समय-समय पर सुरक्षा उपायों का निरीक्षण करते हैं। कुरुक्षेत्र में हुए हादसे को टाला जा सकता था, अगर वहां तैनात कर्मचारी सचेत रहते और सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए होते।
लापरवाही के इस धुएं में पांच लोगों के जीवन की लौ बुझ गई, तो इसका दोषी कौन है? इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन को व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे।
