हमास के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई के बाद यह अनुमान नहीं था कि एक वर्ष से चल रहा यह टकराव एक लंबे और जटिल युद्ध में तब्दील हो जाएगा। गाजा में इजराइल अभी हवाई हमले और जमीनी अभियान दोनों ही जारी रखे हुए हैं। गंभीर बात है इसका दायरा प्रतिदिन बढ़ रहा है। हर रोज बड़ी संख्या में लोग हताहत हो रहे हैं। हमास के भयावह हमले के बाद इजराइल की प्रतिक्रिया को स्वाभाविक बताया गया था, मगर यह अंदाजा नहीं था कि वह प्रतिशोध में इतनी बड़ी तबाही मचा देगा।
रविवार को उत्तरी गाजा में किए गए हमले में सत्तासी लोगों की मौत हो गई, चालीस लोग जख्मी हो गए। कोई नहीं जानता कि इजराइल और हमास के बीच संघर्ष कब थमेगा। यह दिनोंदिन जटिल होता जा रहा है। इस युद्ध के दायरे में गाजा पट्टी के बाद अब लेबनान से लेकर ईरान तक आ रहे हैं। हिजबुल्लाह और इजराइल में तनातनी के बीच लेबनानी सेना दूर ही थी, मगर हालिया हमले में उसके तीन सैनिकों की मौत ने इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। इस समय दक्षिणी लेबनान पर इजराइल के हवाई हमले से तबाही मची हुई है।
42 हजार फिलिस्तीनी लोगों की जा चुकी है जान
यों गाजा पर निरंतर हमले में अब तक बयालीस हजार से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चुकी है। इनमें ज्यादातर महिलाएं और मासूम बच्चे थे। चिंता की बात है कि इजराइल की कार्रवाई से जिस तरह मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, उस पर कहीं कोई आवाज नहीं उठ रही है। ईरान के मिसाइल हमले के बाद वैसे भी यह युद्ध खतरनाक मोड़ पर है। इजराइल ने इसे चुनौती के रूप में लिया है। पिछले दिनों अमेरिकी खुफिया विभाग के जो दस्तावेज लीक हुए हैं, उससे पता चला है कि इजराइल की सेना ईरान पर बड़े हमले की तैयारी कर रही है।
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अगर ऐसा होता है, तो ईरान पलट कर वार नहीं करेगा, इसकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बल्कि ईरान की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इजराइल के किसी भी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। ईरान पहले ही अपनी सेना के शीर्ष कमांडरों के मारे जाने से बौखलाया हुआ है। अगर इन दोनों देशों के बीच भी सीधा युद्ध छिड़ जाता है, तो इसके विनाशकारी परिणाम निकलेंगे और इसका दायरा विश्व स्तर पर कितना बड़ा होगा, कहा नहीं जा सकता।