उच्च शिक्षा या नौकरी के सिलसिले में विदेश जाने वाले भारतीयों के लिए कनाडा और अमेरिका आकर्षक विकल्प होते हैं। हर वर्ष लाखों विद्यार्थी वहां जाते हैं। मगर हाल के वर्षों में अमेरिका और कनाडा में भारतीयों पर हिंसक हमले और हत्या जैसी घटनाएं बढ़ी हैं, उससे एक चिंता का वातावरण बन गया है।
खबर के मुताबिक, पिछले हफ्ते शुक्रवार को हरियाणा के सोनीपत से कनाडा के वैंकूवर गए एक छात्र की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस घटना के संबंध में अब तक जो ब्योरा सामने आ सका है, उसके मुताबिक जान गंवाने वाले छात्र की किसी से दुश्मनी नहीं थी और घटना के कुछ ही देर पहले उसने अपने परिवार से खुशी-खुशी बात की थी। कुछ दिन पहले कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में एक निर्माण कारोबारी की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
सवाल है कि आखिर क्यों बिना किसी वजह के भी भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है? कनाडा की कानून व्यवस्था ऐसी क्यों हो गई है कि अपराधी जहां चाहें, किसी की हत्या करके फरार हो जा रहे हैं और उनका पता लगाना मुश्किल हो रहा है? माना जाता है कि कनाडा में कानून व्यवस्था इस कदर चौकस है कि कोई भी व्यक्ति गैरकानूनी काम करके आसानी से नहीं बच सकता है।
मगर हकीकत यह है कि सड़क किनारे सोनीपत के युवक की हत्या करके अपराधी गायब हो गए और पुलिस के लिए उनका पता लगा पाना चुनौती बन गया। कनाडा में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर वहां की सरकार इतनी संवेदनशील हो गई कि उसमें भारत का हाथ बताया। मगर आए दिन सामान्य भारतीयों की हत्या या उन पर हमले को लेकर कनाडा सरकार उतनी ही संवेदनशील क्यों नहीं दिख रही?
अमेरिका में भारतीयों पर हुए हमलों या उनकी हत्या के पीछे तो नस्लीय दुराग्रह के संकेत भी देखे गए। कनाडा अपनी उदार आप्रवासन नीति के तहत भारतीयों को आकर्षित करता है। लेकिन अब जिस तरह भारतीय मूल के लोगों की जिंदगी वहां असुक्षित होती जा रही है, वह गहरी चिंता का विषय बन गया है।