अमेरिका की वीजा नीति और ट्रंप शुल्क से कारोबारी रिश्तों में दबाव के बीच गूगल की भारत में निवेश की घोषणा अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बड़ी रणनीतिक सफलता है। विशाखापत्तनम में कृत्रिम मेधा का बड़ा केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए गूगल समूह पांच साल में 1.33 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा। कृत्रिम मेधा के बढ़ते वैश्विक बाजार में यह निवेश इस बात को रेखांकित करता है कि कारोबार सुगमता के लिहाज से भारत वैश्विक स्तर पर पसंदीदा बना हुआ है।

भारत के पास विशाल उपयोगकर्ता आधार है। स्पष्ट है कि आर्थिक कूटनीति के लिहाज से यह परियोजना भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगी। तकनीकी ताकत भी बढ़ेगी। इस निवेश की घोषणा के बाद गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया पर जो लिखा, उससे कई सार्थक संकेत मिले हैं। पिचाई के मुताबिक, निवेश से भारत में 1.83 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। विशाखापत्तनम के कृत्रिम मेधा परिसर की शुरूआती क्षमता एक गीगावाट से कई गीगावाट तक जाएगी। यह परिसर गूगल का अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा कृत्रिम मेधा केंद्र बनेगा, जो भारत को वैश्विक तकनीकी के मानचित्र पर और मजबूत करेगा। कई स्तरों पर इसके दूरगामी नतीजे होंगे।

कृत्रिम मेधा के विस्तार में अमेरिका तथा चीन जैसे मुल्क लिए हुए हैं बढ़त

निस्संदेह, जिस तेजी से कृत्रिम मेधा क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और अमेरिका तथा चीन जैसे मुल्क इसमें बढ़त लिए हुए हैं, उसे देखते हुए भारत को ऐसे निवेश और तकनीकी सहयोग की बहुत आवश्यकता है। यह कमी गूगल के निवेश से पूरी हो गई है। गूगल उसी देश की कंपनी है, जहां के राष्ट्रपति ने भारत पर शुल्क लगा कर दबाव बनाने की कोशिश की है।

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वे खुल कर कह चुके हैं कि वे नहीं चाहते, अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश करें या निर्माण संयंत्र लगाएं। वे धमकी तक दे चुके हैं। एप्पल कंपनी के मुख्य कार्यकारी टिम कुक को दी गई भारी शुल्क लगाने की धमकी की यादें ताजा हैं। लगता नहीं है कि धमकियों के बावजूद एप्पल व अन्य ने भारत से काम समेटा।

भारत की ताकत उसका बड़ा मध्यवर्ग है

दरअसल, आने वाले दिनों में तकनीक के स्तर पर भारत चिप और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका की योजना बना रहा है। इसके लिए मजबूत नीतियां तैयार की गई हैं और बड़ी कंपनियों से वैश्विक स्तर पर गठबंधन किए हैं। दूसरे, भारत की ताकत उसका बड़ा मध्यवर्ग है। अमेरिकी कंपनियां हमेशा की तरह भारत के इस बड़े बाजार को देख रही हैं। हर स्तर पर भारत मुनाफे का बाजार है। तभी एप्पल और गूगल जैसी कंपनियां भारत में अरबों रुपए का निवेश कर रही है। अगर एप्पल के कमाई के आंकड़े को देखें, तो कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत से 67,100 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष से 36 फीसद अधिक है।

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कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 2746 करोड़ हो गया है। टेस्ला ने भी भारतीय बाजार को देखते हुए यहां कदम रखा है। अब गूगल ने बड़ा निवेश किया है। गूगल के इस निवेश से वैश्विक निवेशकों को यह संदेश अवश्य गया होगा कि भारत इस लिहाज से दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है। वे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर भारत पर भरोसा कर सकते हैं।