पिछले कुछ समय से जिस तरह विमानों को बम से उड़ाने की धमकी के मामले सामने आ रहे हैं, वह अब तक भले ही फर्जी साबित होते रहे हों, मगर अब उससे बहुस्तरीय समस्याएं पैदा होने की आशंका खड़ी हो गई है। हैरानी की बात यह है कि हाल के दिनों में बार-बार ऐसे मामले सामने आने और उससे हवाई सेवा पर असर पड़ने के बावजूद इन्हें रोकने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं दिख रही। हर नई धमकी के बाद हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मच जाती है, सभी स्तरों पर जांच की जाती है, सावधानी बरती जाती है, ऐसा करने के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की बातें कही जाती हैं, मगर उन्हें रोकने में कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाती।
गुरुवार को एक बार फिर सत्तर से ज्यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई और उसके बाद भारी तादाद में उड़ानों पर असर पड़ा। इसमें एअर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा और अकासा के विमान शामिल हैं। कई विमानन कंपनियों ने यात्रियों को सुरक्षित उतार दिया। उसके बाद विमान की जांच और इस क्रम में उड़ान में देरी से लेकर यात्रियों को होने वाली अन्य परेशानियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हालांकि यह स्वाभाविक है कि इस तरह की धमकियों के बार-बार गलत साबित होने के बावजूद अगली धमकी के बाद फिर से समूचे तंत्र को सक्रिय होना पड़ता है और उसमें किसी भी स्तर की लापरवाही नहीं बरती जा सकती। मगर यह समझना मुश्किल है कि फर्जी धमकी देने वाले पिछले कई दिन से ऐसा करने में कैसे कामयाब हो रहे हैं। अव्वल तो डिजिटल दुनिया के इस दौर में जब पुलिस महकमा या जांच इकाइयां पता लगाना चाहें, तो किसी भी धमकी भेजने वाले के ई-मेल और उसके संचालन के बारे में सब कुछ पता लगाया जा सकता है।
पुलिस कर रही है गिरफ्तारी
आज बहुत सारे आपराधिक मामलों में देखा जा सकता है कि आधुनिक तकनीकी और डिजिटल माध्यमों का सहारा लेकर जटिल से जटिल मामलों का पर्दाफाश किया जा रहा है और पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है। मगर विमान को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले पिछले कुछ समय से लगातार यात्रियों को डराने और विमानन कंपनियों को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाने की अपनी मंशा में कामयाब हो रहे हैं।
हालत यह है कि बीते कुछ दिनों के दौरान बार-बार धमकी से उपजी समस्या पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया यह आई कि इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें ‘नो-फ्लाई सूची’ में डाला जाएगा। सवाल है कि जिन धमकियों का इतना व्यापक असर होता है, उनके लिए क्या इतनी सजा काफी है?
फर्जी मिल रही धमकी
यह छिपा नहीं है कि किसी विमान को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी आती है, तो उसके बाद उड़ानों के बाधित होने से कितना बड़ा आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है। इस नुकसान का खमियाजा भी प्रकारांतर से आखिरकार यात्रियों को ही उठाना पड़ता है। इसके अलावा, विमान से सफर करने वाले यात्रियों के मानस पर इसका गहरा असर पड़ता है।
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भावी यात्रा को लेकर उनके भीतर डर बैठ जा सकता है और इस तरह जिन विमान सेवाओं को बेहद सुरक्षित माना जाता रहा है, उन्हें लेकर व्यापक पैमाने पर एक असुरक्षाबोध गहरा हो सकता है। सही है कि विमान में बम जैसी धमकी आमतौर पर फर्जी साबित हुई है, मगर यह ध्यान रखने की जरूरत है कि इस तरह की हरकतों के पीछे आतंकी साजिश भी हो सकती है। इसलिए इस मसले पर हर स्तर पर सावधानी बरतने और ऐसी धमकी भेजने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके ठोस संदेश देने की जरूरत है।