एक बार फिर कोरोना विषाणु की तरह के एक विषाणु ने दस्तक दी है- ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस यानी एचएमपीवी। इसका प्रसार भी चीन से शुरू हुआ है। भारत में भी कुछ लोगों में इसका संक्रमण पाया गया है। इसके लक्षण और प्रभाव लगभग कोरोना विषाणु जैसे ही हैं। यह भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिर दर्द रहता और सांस लेने में तकलीफ होती है। अभी इसका संक्रमण बच्चों में देखा गया है और कोई गंभीर प्रभाव दर्ज नहीं हुआ है।
मगर इस विषाणु की दस्तक से स्वाभाविक रूप से चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और जिला प्रशासन को इसे लेकर सतर्क रहने का निर्देश दे दिया है। संदिग्ध मामलों की तुरंत जांच और उपचार की व्यवस्था करने को कहा गया है। हालांकि सरकार लोगों को लगातार आश्वस्त कर रही है कि इस विषाणु को लेकर बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके गंभीर परिणाम नहीं हो रहे।
कोविड की तरह उचित सावधानियां बरतना जरूरी
आसानी से इसका उपचार किया जा पा रहा है। मगर इससे बचाव के एहतियाती, कोविड की तरह उचित सावधानियां बरतना जरूरी है। विषाणु से पैदा होने वाली बीमारियां लापरवाही की वजह से ही फैलती हैं, इसलिए एचएमएनवी के मामले में भी लोगों से एहतियाती सावधानियां बरतने की अपेक्षा की जा रही हैं।
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हालांकि विषाणु से फैलने वाली बीमारियों के बारे में अंतिम रूप से कुछ भी दावा करना मुश्किल होता है कि वे भविष्य में क्या रूप ले सकती हैं। इसलिए कि विषाणु अपना स्वरूप बदलते रहते हैं। अक्सर वे शीर्ष घातक रूप में पहुंचने के बाद कमजोर होना शुरू हो जाते हैं। कोरोना के मामले में भी शुरू-शुरू में दावा किया गया था कि एहतियाती उपाय अपना कर इससे बचा जा सकता है। मगर इस विषाणु ने अपना स्वरूप बदला तो अधिक शक्तिशाली रूप में प्रकट हुआ और दुनिया भर में उससे निपटना कठिन हो गया।
कोरोना के लिए लोगों को लगाए जा चुके हैं टीके
अब कोरोना विषाणु की पहचान के संसाधन और कारगर टीके उपलब्ध हैं। लगभग सभी लोगों को ये टीके लगाए भी जा चुके हैं। जिनमें प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी, उन्हें अतिरिक्त खुराक भी दी जा चुकी है। इस तरह ज्यादातर लोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हुई है। मगर एचएमपीवी को लेकर अभी अध्ययन चल रहे हैं कि यह कोरोना से कितना भिन्न और घातक है। इसके संक्रमण में कौन-सी दवाएं प्रभावी साबित होंगी। अच्छी बात है कि स्वास्थ्य विभाग शुरूआती चरण में ही सतर्क हो गया है और इसके संक्रमण पर निगरानी रख रहा है।
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मगर संक्रामक बीमारियों में सावधानी ही उनके रोकथाम का सबसे बड़ा हथियार होती है। कोरोना के मामले में देखा गया कि बहुत सारे लोगों ने लापरवाही बरती। बार-बार अपील के बावजूद मुंह ढकने, उचित दूरी बनाने, भीड़भाड़ न बढ़ाने, हाथ धोते रहने जैसे एहतियाती उपायों पर अमल नहीं किया। उसका नतीजा हुआ कि संक्रमण तेजी से फैला। श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले विषाणु सांसों के जरिए तेजी से फैलते हैं।
एक संक्रमित व्यक्ति एक साथ कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए उचित दूरी बना कर रहने से इसका खतरा कम हो जाता है। जो लोग पहले से बीमार हैं, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, वे बहुत जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। ये सब बातें जानते-बूझते भी बहुत से लोग लापरवाही बरतते हैं। एचएमपीवी छोटे बच्चों को अधिक प्रभावित कर रहा है, इसलिए विशेष रूप से उनका ध्यान रखने और सावधानी बरतने की जरूरत है।