यह समझना मुश्किल है कि आखिर चीन को अपने सीमा-क्षेत्रों में शांति की स्थिति बरकरार रखने में दिलचस्पी क्यों नहीं है! हाल में भारत के लेह-लद्दाख क्षेत्र में उसकी ओर से जिस तरह की गतिविधियां सामने आईं, वह दुनिया ने देखा। अगर भारत ने समय पर आपत्ति नहीं जताई होती और दुनिया की नजर में चीन की हरकत नहीं आई होती तो शायद वह अपनी मनमानी के रास्ते पर आगे बढ़ता रहता। तब अपने रास्ते में भारत की ओर से रुकावट पेश आने के बाद उस समय तो चीन ने अपने पांव खींच लिए, लेकिन अब भी उसकी ओर से जिस तरह की गतिविधियां सामने आ रही हैं, उससे यही लगता है कि सीमा क्षेत्र में अपने पड़ोसी देशों के प्रति उसकी मंशा ठीक नहीं है।
शनिवार को एक भारतीय खुफिया उपग्रह एमीसैट जब अरुणाचल प्रदेश के पास चीनी कब्जे वाले तिब्बत में पीएलए यानी चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ठिकानों के ऊपर से गुजरा तो उसे चीन की सैन्य गतिविधि से संबंधित कई संकेत मिले। सूत्रों के मुताबिक यह खबर भी आई है कि देपसांग सेक्टर में चीनी भारी तादाद में सैनिक तैनात किए गए हैं और उन्हें सीमा पर उनके हिस्से में खुदाई करते हुए देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि चीन की पीएलए ने इससे पहले सन 2013 में भी देपसांग इलाके में घुसपैठ की थी। अब एक बार फिर ऐसे समय में सैन्य लिहाज से तिब्बत के संवेदनशील इलाकों के पास ऐसी अवांछित गतिविधि सामने आने के क्या आशय हो सकते हैं, जब भारत के साथ चीन एक तरह से सीधे टकराव की जिद में दिख रहा है!
यों कहने को चीन शायद फिर इस बात की सफाई दे दे कि उसकी ताजा गतिविधि उसके अपने कब्जे वाले क्षेत्र में है और उसमें कुछ असहज नहीं है। लेकिन ‘कौटिल्य’ उपकरण से लैस उपग्रह दरअसल इलेक्ट्रॉनिक खुफिया पैकेज वाला है, जिसकी क्षमता सैन्य उद्देश्यों के लिए उच्च-गोपनीय आपरेशन और पहलुओं को बारीकी से संरक्षित करने की है। अब अगर इसकी नजर में चीन के सैनिक खुदाई करने जैसी गतिविधि करते हुए नजर आए हैं तो चीन की हाल की हरकतों के मद्देनजर उस पर संदेह होना स्वाभाविक है। यह जगजाहिर तथ्य है कि कथित रूप से चीन के कब्जे वाले क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों को सामान्य मान कर ही भारत की सेना ने भरोसा किया और इस क्रम में हमारे बीस सैनिक शहीद हो गए।
ऐसा लगता है कि गलवान घाटी में चीन ने जो किया और वहां उसकी मंशा नाकाम हुई, उसकी निराशा से वह परेशान है। इसके अलावा, भारत ने न केवल मोर्चे पर, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर दुनिया भर में अपना पक्ष मजबूती से पेश किया, उससे चीन को एक तरह से शर्मिंदगी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। साथ ही भारत ने आर्थिक मामले में भी कई ऐप पर पाबंदी लगा कर चीन को झटका दिया। शायद इन्हीं वजहों से चीन इस छटपटाहट में है और घात लगा कर बैठा है।
कहने को चीन ने तिब्बत के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में सेना को तैनात किया है, लेकिन हाल में भारत के साथ उसकी जिस तरह के टकराव की स्थिति पैदा हुई, उससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि उसके निशाने पर कौन हो सकता है। इसलिए खुफिया उपग्रह ने अगर चीनी सैनिकों की किसी असामान्य गतिविधि के संकेत दिए हैं तो यह भारत के लिए सावधान होने का वक्त है। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि हर बार भारत के भरोसे में आकर सहज रहने का ही फायदा चीन ने उठाया है और बड़ा नुकसान पहुंचाया है।