गुजरात के अहमदाबाद में बीते जून माह में हुए विमान हादसे की प्रारंभिक जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रपट में कहा गया है कि दुर्घटना से ठीक पहले विमान के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद हो गए थे, जिससे पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। भ्रम इस बात का कि स्विच किसने बंद किए। यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ या किसी की गलती से, रपट में इसका कोई उल्लेख नहीं है। यानी हादसे के एक कारण का तो पता चल गया, लेकिन इस कारण के पीछे असल वजह क्या थी, यह सवाल अब भी अनुत्तरित है।
एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की इस हादसे में मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद कई सवाल खड़े हुए हैं, जिनका जवाब इसलिए भी तलाशना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी किसी बड़ी त्रासदी को रोकने के पुख्ता बंदोबस्त किए जा सकें।
धन की आपूर्ति क्यों की गई थी बंद
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआइबी) की रपट के अनुसार, एअर इंडिया के इस विमान के उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद इसके दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच (जिनका उपयोग इंजनों को बंद करने के लिए किया जाता है) अचानक बंद हो गए थे। इसकी पुष्टि घटना के वक्त ‘काकपिट वायस रेकार्डिंग’ में पायलट और सह-पायलट की आपसी बातचीत से हुई है। जांच रपट में कहा गया है कि बातचीत के दौरान एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि ईंधन की आपूर्ति क्यों बंद की गई, तो जवाब मिला कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे साफ है कि हादसे से पहले विमान के दोनों इंजन ने काम करना बंद कर दिया था।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच एक साथ बंद कैसे हो गए। नियमानुसार उड़ान से पहले विमान की तकनीकी जांच की जाती है और सभी मानकों पर संतोषजनक रपट के बाद ही उड़ान की अनुमति दी जाती है। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वभाविक है कि अगर एअर इंडिया के इस विमान में कोई तकनीकी खराबी थी, तो वह उड़ान से पहले की जांच के दौरान पकड़ में क्यों नहीं आई? हादसे की आगे की जांच में इन आशंकाओं से जुड़े सवालों को भी शामिल करने की जरूरत है।
जांच का दूसरा पहलू
जांच रपट का दूसरा पहलू यह है कि कहीं अनजाने में पायलट की गलती से ईंधन नियंत्रण स्विच बंद तो नहीं हुए थे! हालांकि, रपट में विमान के पायलटों की गलती की ओर स्पष्ट रूप से कोई संकेत नहीं किया गया है। वहीं, विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि पायलटों द्वारा ईंधन स्विच को अनजाने में चालू या बंद करने की संभावना बहुत कम होती है, क्योंकि स्विच में एक छोटा ‘मैकेनिकल गेट’ लगा होता है। रपट में कहा गया है कि दोनों पायलटों ने इंजनों को फिर से चालू करने की कोशिश की, लेकिन एक इंजन ही ठीक हो पाया, जबकि दूसरा गति बढ़ाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न नहीं कर पाया।
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यानी पायलटों ने उस नाजुक घड़ी में हार नहीं मानी थी और उन्होंने वह हर कोशिश की जो संभव थी। इसके अलावा विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने इस हादसे के पीछे किसी साजिश की आशंका को भी अभी तक दरकिनार नहीं किया है। वैसे भी जिस तरह से यह पूरा घटनाक्रम सामने आया है, उसमें हर पहलू की गहन जांच होनी चाहिए और हर जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।