उत्तर प्रदेश सरकार ने करप्शन मामले में आईआरएस अफसर भाई की गिरफ्तारी की जांच रिपोर्ट के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) संजय कुमार यादव को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। संजय कुमार यादव, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, सीतापुर में तैनात थे। अब उन्हें लखनऊ में पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) के कार्यालय में संलग्न कर दिया गया है।

इस निलंबन के बारे में यूपी सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने पुष्टि की है। साल 1993 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) अधिकारी यादव, पिछले साल अक्टूबर में ट्रेनिंग सेंटर ज्वाइन करने से पहले बलिया जिले में एएसपी के पद पर तैनात थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संजय कुमार यादव का निलंबन उनके भाई की गिरफ्तारी से संबंधित है।

अधिकारी ने बताया कि यादव के खिलाफ कार्रवाई राजस्थान पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी गई एक कथित रिपोर्ट की जांच के आधार पर हुई है। संजय कुमार यादव के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी भाई को पिछले साल जुलाई में राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

उस समय एसीबी ने कोटा जिले में एक औचक निरीक्षण के दौरान ASP यादव के भाई के पास 16.3 लाख रुपये नकद बरामद किए थे। बताया गया था कि एजेंसी ने कथित तौर पर 15 लाख रुपये मिठाई के डिब्बों से और अधिकारी के बटुए में 1.3 लाख रुपये मिले थे। इसके अलावा, वह ASP के भाई जिस कार से जा रहे थे उस पर ‘पुलिस’ लिखा हुआ था।

आय से अधिक संपत्ति पाए जाने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने संजय यादव के आईआरएस अधिकारी भाई को गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब इसी मामले के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) संजय कुमार यादव पर गाज गिरी है।