महिला से दुष्कर्म के मामले में फंसे छत्तसीगढ़ के IAS अफसर जनक प्रसाद पाठक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ‘The Indian Express’ की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि महिला के मोबाइल फोन पर गंदे मैसेज भेजे गए थे। इससे पहले पीड़िता ने इस मामले में 53 साल के आईएएस के खिलाफ लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर को दी थी। यह भी कहा जा रहा है कि महिला ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ कुछ पुख्ता सबूत भी दिये हैं। इन सबूतों और महिला की शिकायत के आधार पर इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया गया है।

महिला ने आरोप लगाया है कि जब जनक प्रसाद पाठक Janjgir-Champa के District Collector थे तब उन्होंने उनका यौन उत्पीड़न किया। एक गैर सरकारी संस्था से जुड़ी 30 साल की पीड़िता का आरोप है कि कलेक्टर ने उनकी संस्था को कुछ काम देने के बहाने उन्हें कलेक्ट्रेट बुलाया था और यहीं पर उनका यौन उत्पीड़न किया गया है।

महिला के पति सरकारी नौकरी में हैं। महिला का आरोप है कि आईएएस अधिकारी ने उनके पति को नौकरी से निकालने की धमकी भी दी थी। महिला ने बताया कि रिपोर्ट फाइल करने में इसलिए उन्हें देरी हुई क्योंकि वो कलेक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दायर करने से डर रही थीं।

कुछ दिनों पहले ही आईएएस पाठक का तबादला जांजगीर कलेक्टर से रायपुर में भू-अभिलेख संचालक के पद पर हुआ था। इसके बाद अब पीड़ित महिला ने थाने में शिकायत दर्ज की है। बताया जा रहा है कि जनक प्रसाद पाठक के जांजगीर कलेक्टर रहने के दौरान पीड़िता करीब 1 महीने पहले उनसे किसी काम के सिलसिले में मिलने गई थी।

आरोप है कि पाठक ने महिला को 15 मई को बुलाया और फिर उसके साथ अपने ही चैंबर में दुष्कर्म किया। महिला ने घटना की जानकारी पहले अपने पति को दी फिर पुलिस से मामले की शिकायत की। महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी जनक प्रसाद ऐसे पहले आईएएस नहीं है जिनके खिलाफ किसी महिला ने इतना बड़ा आरोप लगाया हो। इससे पहले जशपुर के पूर्व कलेक्टर पर भी एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले में साल 2012 में पूर्व आईएएस अधिकारी को 7 साल जेल की सजा हुई थी।