साल 1978 में इंदिरा गांधी एक कथित घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद थी। तभी एक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रखा दिया था। दरअसल, 20 दिसंबर 1978 को इंदिरा गांधी को छुड़ाने के नाम पर दो लोगो ने इंडियन एयरलाइन्स के एक विमान को ही हाईजैक कर लिया था। बाद में पता चला कि यह दोनों यूथ कांग्रेस के सदस्य थे, जो सरकार के प्रति अपना विरोध जता रहे थे। हालांकि, अब आपको इस हाईजैकिंग के पीछे की कहानी बताते हैं।
कलकत्ता से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली इंडियन एयरलाइन्स फ्लाइट IC 410 ने शाम को करीब 6 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से उड़ान भरी। समयानुसार, फ्लाइट को दिल्ली पहुंचने में करीब 15-20 मिनट का समय लगने वाला था। उस समय विमान अलीगढ़ के ऊपर से गुजर रहा था। तभी फ्लाइट की 15वीं लाइन से भोलानाथ पांडेय और देवेंदर नाथ पांडेय नाम के दो शख्स उठकर कॉकपिट की ओर तेजी से बढ़े। फिर पायलट से कहा कि प्लेन हाईजैक किया जा चुका है।
इन दोनों लोगों ने पायलट से कहा कि विमान को दिल्ली की जगह पटना ले चलो। फिर वह बोले कि विमान को पटना नहीं बल्कि वाराणसी ले चलो। इन हाईजैकर्स ने पहले हिंदी में एक भाषण दिया और फिर इंदिरा जिंदाबाद और संजय जिंदाबाद के नारे भी लगाए। इन दोनों ने खुद को यूथ कांग्रेस का सदस्य बताया। उन्होंने कहा कि वह अहिंसा में भरोसा रखते हैं। 20 दिसंबर 1978 को अंजाम दी गई इस घटना के दौरान बोइंग 737 में 132 लोग सवार थे।
बता दें कि, हाईजैक किए गए इस विमान में यात्रियों के साथ आपातकाल के समय के डी पूर्व मंत्री धरमबीर सिन्हा और एके. सेन भी यात्रा कर रहे थे। काफी देर बाद विमान वाराणसी में लैंड हुआ और फिर यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामनरेश यादव और हाईजैकर्स के बीच घंटों चली बातचीत के बाद सभी यात्रियों को छोड़ दिया गया। इन हाईजैकर्स की मांग थी कि इंदिरा गांधी को जेल से छोड़ा जाए और संजय गांधी के ऊपर दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जाए।
इस हाईजैकिंग में हैरान कर देने की बात यह थी कि भोलानाथ पांडेय और देवेंदर नाथ पांडेय ने खिलौने वाली बंदूक और क्रिकेट बॉल का इस्तेमाल किया था। हालांकि, बाद में दिए गए इंटरव्यू में भोलानाथ पांडेय ने कहा था कि वह एक प्रकार का राजनीतिक विरोध था। इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने 1980 के राज्य विधानसभा चुनाव में भोलानाथ पांडेय और देवेंदर नाथ पांडेय को टिकट देकर सम्मानित किया गया था।