फीफा वर्ल्ड कप यानी फुटबाल का महाकुम्भ। फीफा के दौरान अक्सर ऐसे वाकये होते रहे हैं, जो सारी दुनिया में चर्चा का विषय बने। कुछ ऐसी ही घटना साल 1966 में सामने आई, जब फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी करने वाले इंग्लैंड पर आफत टूट पड़ी। दरअसल, 1966 में होने वाले वर्ल्ड कप से चार महीने पहले एक हॉल में रखी ट्रॉफी ही चोरी हो गई थी। जिसे कई दिनों तक पुलिस नहीं ढूंढ पाई फिर एक डॉगी इंग्लैंड के लिए मसीहा बन गया था।
साल 1966 में इंग्लैंड में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप से पहले ट्रॉफी को लंदन वेस्टमिनिस्टर के सेंट्रल हॉल में प्रदर्शनी के लिए रखा गया था। लेकिन वर्ल्ड कप शुरू होने से करीब चार महीने पहले ही 20 मार्च, 1966 को ट्रॉफी चोरी हो गई। इस घटना के चलते फीफा प्रबंधन के साथ-साथ लंदन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस की सांसे अटक गई थी। जब यह चोरी हुई तो सिक्योरिटी गार्ड्स ब्रेक पर गए थे और हॉल के दूसरे हिस्से में प्रार्थना सभा चल रही थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फीफा वर्ल्ड कप के लिए रखी गई ट्रॉफी की कीमत करीब तीस हजार पाउंड बताई गई थी। घटना के बाद लंदन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने कई दिनों तक ट्रॉफी की तलाश की लेकिन उनके हाथ कोई भी सुराग नहीं लग पाया था। दुनिया भर के अखबारों में खबर छपी तो इंग्लैंड की भारी बेइज्जती हुई। फिर इसी बीच फुटबॉल एसोसिएशन के तत्कालीन चेयरमैन जो मीयर्स को एक अज्ञात चिट्ठी मिली, जिसमें ट्रॉफी के बदले फिरौती की मांग की गई थी।
चिट्ठी लिखने वाले शख्स ने उस पर जैक्सन लिखा हुआ था और ट्रॉफी के बदले 15 हजार यूरो की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने चोर को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और मांग मान ली गई। इसके बाद पुलिस ने नोट जैसे कागजों को सूटकेस में भरा और ऊपर कुछ असली नोट लगा दिए। तय जगह पर रकम देने के लिए पहुंची टीम ने जैक्सन नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन गिरफ्तार हुए शख्स ने बताया कि उसका असली नाम एडवर्ड बैटले हिया और वह पहले सेना में रहा था।
चोरी हुए सात दिन बीत चुके थे और एक शख्स पकड़ा भी गया था, लेकिन ट्रॉफी नहीं मिली थी। इसी बीच लंदन के साउथ नारवूड इलाके में डेव कॉर्बेट अपने डॉगी पिकल्स के साथ टहलने निकले। थोड़ी देर बाद पिकल्स एक कार के पास चक्कर काटने लगा। डेव ने पास जाकर देखा तो पेपर में लिपटा कुछ सामान दिखा। उन्होंने पेपर हटाया तो देखा कि वह वर्ल्ड कप ट्रॉफी थी। डेव ने इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दी, जिसके बाद डेव से भी लंबी पूछताछ हुई।
कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद डेव को छोड़ दिया गया। फिर थोड़ी देर में ही खबर फैल गई कि पिकल्स नाम के एक डॉगी ने ट्रॉफी को खोज निकाला है। इसके बाद फिर डेव कॉर्बेट और उनके डॉगी पिकल्स को सम्मानित किया गया। फिर पिकल्स दुनिया भर में स्टार बन गया। बता दें कि, साल 1966 का फीफा वर्ल्ड कप इंग्लैंड ने ही जीता था। हालांकि, इस घटना के एक साल बाद ही डॉगी पिकल्स की मौत हो गई थी।