महाराष्ट्र के नागपुर से इंसानियत को शर्मासार करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 60 वर्षीय व्यक्ति की पैर और हाथ की उंगलियों को काट दिया गया। यह बुजुर्ग नागपुर में जुलाई से एक बंधुआ मजदूर के रूप में निर्माण स्थल पर काम कर रहा था। इसका नाम चामरू पहाड़िया बताया जा रहा है। दरअसल इस व्यक्ति ने अपनी मजदूरी मांगी तो ठेकेदार डोलल सतनामी और बिदेसी सुनामी ने न केवल उसे मजदूरी देने से मना कर दिया, बल्कि चामरू को भी पीटा, और उसके दाहिने हाथ की तीन उंगलियां काट दीं और उसके दाहिने पैर के सभी पांचों उंगलियां धारदार हथियार से काट दीं।
उंगलियां काटकर नागपुर रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया: बता दें कि ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के निवासी पहाड़िया को नौकरी और पैसे के वादे के साथ नागपुर लाया गया था। हमले के बाद आरोपी ने उसे नागपुर रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया, जहां रेलवे सुरक्षा बल ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। उसका इलाज तीन महीने तक चला। पहाड़िया के रिश्तेदार उसे सितंबर में अपने गांव वापस ले गए। वह अपराधियों के खिलाफ बोलने से बहुत डरता था, क्योंकि वे एक ही गांव के हैं।
ठेकेदारों की तलाश में जुटी पुलिस: पहाड़िया के बेटे तुलाराम ने कहा कि उन्होंने उन्हें पूरे जीवन के लिए विकलांग बना दिया है। वह अब चल नहीं सकते, कुछ भी पकड़ नहीं सकते हैं। उन्होंने मेरे परिवार के जीवन को बर्बाद कर दिया। इस खबर के मीडिया में आने के बाद डोलल सतनामी और बिदेसी सुनामी गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
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दिलीप दास ने उचित धनराशि की मांग की: समाजिक कार्यकर्ता दिलीप दास ने बंधुआ मजदूर पुनर्वास अधिनियम के अनुसार दैनिक मजदूरी करने वाले के लिए पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों से एक निर्देश मांगा है। उन्होंने आयोग से यह भी आग्रह किया कि वह अधिनियम में निर्धारित नियम के अनुसार पीड़ित को उसकी सहायता के लिए उचित धन राशि दिया जाए।

