West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में 8 जून को पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से कथित राजनीतिक हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं। जान गंवाने वालों में से पांच टीएमसी से, दो कांग्रेस से और एक-एक सीपीएम, आईएसएफ और भाजपा से जुड़े राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। बंगाल में बीते 15 दिनों में कथित राजनीतिक हिंसा की भेंट चढ़े नौ लोगों के बारे में जानते हैं।

फूलचंद शेख (32 साल), मुर्शिदाबाद के मजदूर और कांग्रेस कार्यकर्ता

नामांकन दाखिल करने के पहले दिन 9 जून को फूलचंद शेख की हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस ने दावा किया कि शेख एक सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता थे। वह केरल में कार्यरत थे और करीब 10 दिन पहले बंगाल स्थित अपने गांव आए था। पुलिस ने हत्या के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया और कहा कि यह हत्या पुराने जमीन विवाद का नतीजा थी। इस बीच, टीएमसी ने इन आरोपों से इनकार किया कि उसका शेख की हत्या से कोई संबंध है।

मंसूर आलम (23 साल), उत्तरी दिनाजपुर के सीपीएम कार्यकर्ता

मंसूर आलम को 15 जून को नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा इलाके में हिंसक झड़प के दौरान गोली मार दी गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ा था। पुलिस के मुताबिक, उन्हें उस समय गोली लगी जब सीपीएम और कांग्रेस के कार्यकर्ता और समर्थक नामांकन दाखिल करने जा रहे थे और बदमाशों ने गोलीबारी कर दी। इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया गया और अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मोहिउद्दीन मोल्ला (24 साल), भांगर के आईएसएफ कार्यकर्ता और दैनिक मजदूर

15 जून को आईएसएफ और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच कथित हिंसक झड़प में मोहिउद्दीन मोल्ला की मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और एफआईआर में 20 लोगों को नामजद किया है। इनमें टीएमसी नेता अराबुल इस्लाम और उनके बेटे हकीमुल इस्लाम भी शामिल हैं।

राशिद मोल्ला (लगभग 40 साल), भांगर से टीएमसी उम्मीदवार

स्थानीय विधायक के करीबी माने जाने वाले राशिद मोल्ला कथित तौर पर 15 जून को आईएसएफ कार्यकर्ताओं और टीएमसी के बीच झड़प का हिस्सा थे। इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने भांगर में अशांति के संबंध में सात मामले दर्ज किए हैं। इनमें तीन हत्याएं शामिल हैं। एक आईएसएफ कार्यकर्ता और दो टीएमसी कार्यकर्ताओं की हत्या भी शामिल है। मोल्ला की हत्या के मामले में आईएसएफ के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।

राजू नस्कर (40 साल), भांगर के टीएमसी कार्यकर्ता

15 जून को उसी झड़प के दौरान कथित तौर पर पीट-पीटकर राजू नस्कर की हत्या कर दी गई थी। आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी और 68 अन्य का नाम एफआईआर में है। हत्या के इस मामले में पुलिस पहले ही कुछ गिरफ्तारियां कर चुकी है

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मुस्तफा शेख (62 साल), मालदा से टीएमसी उम्मीदवार

मुस्तफा शेख 18 जून को अपने घर जा रहे थे। उसी दौरान कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन पर हमला किया। शेख पूर्व ग्राम पंचायत प्रमुख थे और सुजापुर से पंचायत चुनाव लड़ रहे थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या उसकी हत्या उसी पार्टी के अन्य लोगों ने की है जो टिकट के लिए उनसे प्रतिस्पर्धा कर रहे थे या इस हत्या के पीछे किसी और दल से जुड़े लोगों का हाथ है।

मोहम्मेल हक (42 साल), मुर्शिदाबाद से टीएमसी के स्थानीय क्षेत्र सचिव

मोहम्मेल हक 14 पंचायत उम्मीदवारों की देखरेख कर रहे थे। 16 जून को उनकी हत्या कर दी गई। हक की हत्या के मामले में कांग्रेस की ब्लॉक समिति के सदस्य बजरे आलम शेख को पांच अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है।

संभू दास (28 साल), कूचबिहार के भाजपा कार्यकर्ता

संभू दास भाजपा के पंचायत चुनाव उम्मीदवार बिशाखा दास के बहनोई थे और नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रस्तावक थे। दास के परिवार ने आरोप लगाया कि 17 जून को जब वह घर से बाहर निकले तो उन पर हथियारबंद लोगों ने हमला किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बिशाखा का नामांकन वापस लेने की धमकी दी जा रही थी।

धनंजय चौबे (46 साल), पुरुलिया से टीएमसी पदाधिकारी

टीएमसी के आद्रा नगर अध्यक्ष धनंजय चौबे की 22 जून को हत्या कर दी गई थी। वह पार्टी कार्यालय के अंदर थे तभी कुछ लोगों ने उन पर गोलीबारी की। इस घटना में उनके बॉडीगार्ड तन्मय पॉल घायल हो गए। स्थानीय कांग्रेस प्रत्याशी समेत दो लोगों को इस मामले में संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।