Uttarakhand Ankita Bhandari Case: उत्तराखंड के पौड़ी जिले के वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की कथित हत्या को लेकर पूरे देश में भारी आक्रोश है। लड़की 18 सितंबर को लापता हो गई थी, जिसके बाद उसके माता-पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत के आधार पर तीन दिन बाद 21 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, अब प्रशासन उन व्हाट्सएप चैट्स की भी जांच की बात कहा रहा है, जिसमें पीड़िता ने दोस्तों व अन्य लोगों से बात की थी।
पीड़िता की डूबने से हुई मौत, शरीर पर मिले चोट के निशान
इसी कड़ी में पुलिस ने 23 सितंबर को, भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य और उनके एक रिसॉर्ट के दो कर्मचारियों को कथित तौर पर रिसेप्शनिस्ट की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में 24 सितंबर, शनिवार को लड़की के शव को चिल्ला नहर से निकाला गया था। लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि उसकी मौत नहर में डूबने से हुई थी और मौत से पहले शरीर पर गहरी चोटों के निशान थे।
‘गरीब हूं लेकिन पैसे के लिए खुद को नहीं बेचूंगी’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता ने कथित तौर पर अपने एक करीबी दोस्त को बताया कि वह जिस रिसॉर्ट में काम करती है, उसके मालिक और मैनेजर उस पर ग्राहकों को ‘खास सेवाएं’ देने का दबाव बना रहे हैं। उसने व्हाट्सएप पर अपने दोस्त से कहा कि भले ही वह गरीब है लेकिन खुद को 10,000 रुपये में नहीं बेचेगी।
न्यायिक हिरासत में हैं आरोपी
घटना के मुख्य आरोपी व रिसॉर्ट के मालिक पुलकित पर आरोप है वह लड़की को गलत काम के लिए मजबूर कर रहा था। जिसे करने से उसने इनकार कर दिया था और इसी के चलते आरोपियों ने उसे नहर में धकेल दिया था। अंकिता भंडारी केस में उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने आरोपी पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 हत्या और सबूत छिपाने के तहत मामला दर्ज किया था। सभी आरोपियों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दिल्ली में महिला ने लगाए बाउंसर पर गंभीर आरोप: नई दिल्ली की एक महिला व उसके दोस्तों के साथ दक्षिणी दिल्ली के एक बार में बाउंसरों के एक ग्रुप द्वारा मारपीट की घटना सामने आई है। पुलिस ने महिला की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि बाउंसरों ने उसके कपड़े फाड़ दिये और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। अब इस मामले में पुलिस ने कहा कि महिला को इलाज के लिए एम्स ले जाया गया, जबकि बार बाउंसरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। “कोड” नाम का यह बार साल 2019 में भी विवादों में रह चुका है, तब आरोप था कि इस बार के अंदर आबकारी अधिकारियों के साथ मारपीट की गई थी और उन्हें इसके अंदर ही बंद कर दिया गया था।