UP News: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मियों की भविष्य निधि खाते का पैसा अनियमित निवेश के मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में चार्टर्ड अकाउंटेंट, डीएचएफएल के तत्कालीन क्षेत्रीय सेल्स मैनेजर के साथ फर्जी ब्रोकर फर्मो के संचालक शामिल हैं।

इस मामले में पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी: बता दें कि इस मामले में जांच एजेंसी पहले ही यूपीपीसीएल के पूर्व प्रबंध निदेशक ओपी मिश्रा, वित्त निदेशक सुधांश त्रिवेदी, सचिव पीके गुप्ता, गुप्ता के बेटे अभिनव व उसके मित्र फर्जी ब्रोकर कंपनी के संचालक आशीष चौधरी को भी गिरफ्तार कर चुकी है। ईओडब्ल्यू के महानिदेशक आरपी सिंह ने बताया कि इस मामले में पावर कॉर्पोरेशन के कई अन्य अधिकारीयों व कर्मचारियों से पूछताछ की जा चुकी है।

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इन लोगोंं को किया गया गिरफ्तार: जानकारी के मुताबिक, डीएचएफएल के अमित प्रकाश के साथ फर्जी शेयर ब्रोकर फर्म मालिक मनोज कुमार अग्रवाल, विकास चावला, संजय कुमार, पंकज गिरी उर्फ नीशू, अरुण जैन और श्याम अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। EOW के महानिदेशक ने बताया कि इस मामले में पावर कॉर्पोरेशन के कई अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की थी।

अमित प्रकाश की मदद से होती थी हेराफेरी: ईओडब्लू के अनुसार डीएचएफल की लखनऊ ब्रांच के तत्कालीन सेल्स मैनेजर अमित प्रकाश तथाकथित विभिन्न फर्मों व व्यक्तियों को ब्रोकर/ ब्रोकर फर्म के रुप रजिस्टर्ड कराने में अहम भूमिका थी। अमित प्रकाश की मदद से ही आरोपी पीके गुप्ता और उसके पुत्र अभिनव गुप्ता ने अपराधिक सांठगांठ कर विभिन्न फर्मों के लिए ब्रोकरेज की धनराशि प्राप्त की थी। ईओडब्लू के अनुसार यह दोनों ब्रोकर का काम नहीं करते थे लेकिन अपनी फर्म को ब्रोकरेज फर्म के रूप में रजिस्टर्ड कराकर आपराधिक साजिश के तहत अवैध लाभ उठाते थे।