Sambhal Violence News: संभल पुलिस ने रविवार को कहा कि उन्हें कई गुमनाम पत्र मिले हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि 24 नवंबर को आस-पास के जिलों के मदरसों के छात्रों को इलाके में बुलाया गया था। कथित तौर पर ये कोर्ट के निर्देशानुसार शाही जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान और उसके बाद हुई बड़े पैमाने पर हिंसा में उनकी संलिप्तता के संबंध में था।
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने कही ये बात
गौरतलब है कि सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, पुलिस अधिकारियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे। संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, “हमें कई पत्र मिले हैं, जिनमें दावा किया गया है कि उस दिन रामपुर, हापुड़ और बुलंदशहर के मदरसों के छात्रों को विशेष रूप से संभल बुलाया गया था। हम इन पत्रों की वैलिडिटी की पुष्टि कर रहे हैं। उचित जांच के बाद, अगर पत्रों में लिखी बात सच पाई जाती है, तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे।”
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हिंसा में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने अब तक तीन महिलाओं सहित लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, झड़पों में “सक्रिय भागीदारी” के लिए पुलिस द्वारा पहचाने गए 93 लोग फरार हैं। संभल पुलिस जल्द ही इन भगोड़ों की गिरफ्तारी में मदद करने वालों को इनाम देने की घोषणा करेगी।
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बिश्नोई ने कहा, “हिंसा में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। हम उन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। हम जल्द ही उन भगोड़ों के लिए इनाम की घोषणा करेंगे जो घटना के बाद अपने घरों से भाग गए हैं। पहचाने गए लोगों के घरों पर छापेमारी के दौरान हमें केवल महिला सदस्य ही मिलीं, जबकि पुरुष गायब थे।”
बता दें कि शहर की पुलिस ने उस दिन हिंसा में शामिल लगभग 400 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस के अनुसार, उनकी पहचान उनके आवासीय स्थानों से भी की जा रही है।
संभल के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज की गई FIR
हिंसा से संबंधित एफआईआर संभल शहर के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज की गई हैं। इनमें से सात एफआईआर पुलिस अधिकारियों द्वारा दर्ज की गई थीं, जबकि चार 24 नवंबर को हिंसा के दौरान मारे गए व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज की गई थीं। इसके अलावा, एक एफआईआर नसीम नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज की गई थी, जिसने आरोप लगाया था कि उसके भतीजे वसीम, जिसकी 25 नवंबर को मृत्यु हो गई थी, को “तुर्की मंगोलों के वंशजों द्वारा चलाई गई गोलियों” से मारा गया था।
मुगल साम्राज्य के संस्थापक, ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर, एक तुर्क मंगोल थे, जिन्होंने 1526 में भारत पर आक्रमण किया था। इस आक्रमण के दौरान उनके साथ आए सैनिक संभल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बस गए, और उन्हें तुर्क कहा जाता था।