उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अमन मणि त्रिपाठी के अलावा 12 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन भी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया है। सभी पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप है। हालांकि गिरफ्तारी के बाद इन सभी को जमानत भी मिल गई है। गिरफ्तारी के 2 घंटे बाद निजी मुचलके पर वो छूट गए।
अमन मणि त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मृत पिता के नाम पर फर्जीवाड़ा किया और अपना पास बनवाया। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अमन मणि त्रिपाठी ने सीएम के पिता के निधन के बाद होने वाले क्रिया-कलापों के नाम पर अपना पास बनवाया और इसी पास की बदौलत वो अपने समर्थकों के साथ बद्रीनाथ घूमने निकल गए।
अमन मणि त्रिपाठी को बद्रीनाथ, केदारनाथ जाने की इजाजत दी गई थी। हालांकि रास्ते में चमोली के एसडीएम वैभव गुप्ता ने उन्हें वापस भेज दिया। लौटते वक्त ऋषिकेश में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एसडीएम ने बताया था कि अमन मणि त्रिपाठी तीन गाड़ियां लेकर अमरनाथ जा रहे थे।
रास्ते में जब उन्हें स्क्रीनिंग के लिए रोका गया तो वो रूके नहीं। इतना ही नहीं वो प्रशासन और मेडिकल टीम के साथ उलझ भी गए। बाद में उन्हें किसी तरह वापस लौटाया गया। जानकारी के मुताबिक विधायक का काफिला दो मई को तीन वाहनों से देहरादून से श्रीनगर पहुंचा।
अनुमति पत्र के अनुसार 3 मई को इन्हें श्रीनगर से बदरीनाथ, 5 मई को बदरीनाथ से केदारनाथ और 7 मई को केदारनाथ से वापस देहरादून जाना था। जिन तीन वाहनों में वो सभी आये, इनमें दो वाहन यूपी और एक उत्तराखंड के नम्बर का था।
गौचर स्थित स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, अमन मणि और उनके दल ने कोटद्वार से उत्तराखंड में प्रवेश किया और पौड़ी, श्रीनगर तथा रूद्रप्रयाग से होते हुए चमोली की सीमा में प्रवेश किया था।
कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि 30 अप्रैल से 15 दिन आगे खिसकाकर 15 मई कर दी गयी है जबकि गढ़वाल हिमालय के चारधामों में से तीन धामों में कपाट खोले जाने के बावजूद तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति नहीं है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश के विधायक के उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति का हवाला देकर चमोली पहुंच जाने पर स्थानीय प्रशासन हैरत में है।
यह पहला मौका नहीं है जब विधायक अमन मणि त्रिपाठी पर कानून का शिकंजा कसा हो। निर्दलीय विधायक पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप भी लग चुका है।
साल 2015 में नौ जुलाई को फिरोजाबाद में हुए एक सड़क हादसे में अमनमणि त्रिपाठी की पत्नी सारा सिंह की मौत हो गई थी। उस कार में अमन मणि त्रिपाठी भी पत्नी के साथ थे। उनको इस हादसे में मामूली चोट आई थी।
इसके बाद सारा सिंह की मां सीमा सिंह ने कहा था कि ‘यह कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश है। क्योंकि उसी कार में बैठे अमन मणि को खरोंच तक नहीं आई। इसलिए मामला संदिग्ध है..इसकी सीबीआई जांच कराई जाए।’
इसके बाद विधायक पर हत्या का केस भी दर्ज हुआ था। विधायक इस आरोप में 2 साल जेल की सजा भी काट चुके हैं। सीबीआई की जांच अभी भी जारी है।
