UPSC: मेहनत और हौसला हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसी ही कहानी है, दिल्ली पुलिस में तैनात सब इंस्पेक्टर रेखा गुप्ता की बेटी पूजा गुप्ता (IAS Pooja Gupta) की। पूजा को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 42वीं रैंक मिली है।

बचपन से ही पढ़ने में तेज पूजा गुप्ता ने 12वीं के बाद डॉक्टर की पढ़ाई करने का फैसला किया, लेकिन मन के एक कोने में यूपीएससी का भी सपना बना हुआ था। इसलिए वो डॉक्टरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी करती रही। पूजा अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्लियर करके आईपीएस के लिए चुनीं गईं थीं, लेकिन पूजा के दादाजी का सपना उन्हें आईएएस के रूप में देखना था। इसलिए आईपीएस बनने के बाद भी पूजा यूपीएससी की तैयारी करती रहीं और यूपीएससी 2020 में उन्होंने 47वीं रैंक लाकर, आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया।

पूजा गुप्ता की मां रेखा गुप्ता दिल्ली पुलिस में उप निरीक्षक (Sub Inspector) हैं। पूजा को अपनी मां की वर्दी से ही प्रेरणा मिली थी। जिसके बाद डेंटल डॉक्टर पूजा गुप्ता ने अपने लक्ष्य पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया और सिविल सेवा परीक्षा 2018 में अपने पहले प्रयास में 147वां रैंक हासिल कर शानदार सफलता हासिल की थी।

आईएएस पैशन के साथ बातचीत में स्कूली पढ़ाई के दौरान एक घटना को याद करते हुए हुए पूजा बताती हैं कि उन्हें दिल्ली पुलिस के डीसीपी द्वारा 10 वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया था। जिसके बाद उनका मन यूपीएससी के प्रति आकर्षित होने लगा था। बाद में, 2012 में जब उन्होंने अपना ग्रेजुएशन शुरू किया, तो उन्हें पता नहीं था कि आगे क्या करना है। लेकिन, जैसे-जैसे साल बीतते गया, उन्होंने सिविल सेवा में करियर बनाने की अपनी इच्छा पर विचार करना शुरू कर दिया। वो कहती हैं- एक ख्वाब जो मैंने बरसों पहले देखा था। उसे पूरा करने के लिए यहां और आगे बढ़ाने का मन बना लिया।

अपनी तैयारियों की रणनीति के बारे में बताते हुए पूजा ने कहा कि शुरुआत में उन्होंने इंटरनेट को माध्यम बनाया। यूट्यूब पर टॉपर्स की बातचीत ने उन्हें अपनी तैयारी के लिए एक चार्ट बनाने में मदद की। उन्होंने एनसीईआरटी और समाचार पत्रों पर भरोसा किया। इसके साथ ही पीआईबी और पीआरएस जैसी कुछ सरकारी वेबसाइटों पर भी लगातार नजर रखकर वहां से सामग्री निकालती रहीं। वैकल्पिक विषय चुनना उनके लिए आसान था और एंथ्रोपोलॉजी एक ऐसा विषय है जो उन्हें काफी पसंद है।

पूजा को डॉक्टरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी के लिए भी घरवालों का पूरा सहयोग मिला। उनके पैरेंट्स को कभी उनपर पढ़ाई के लिए दवाब नहीं बनाना पड़ा। मां जहां दिल्ली पुलिस में हैं तो पिता एक प्राइवेट नौकरी करते हैं।