UPSC में सफलता हासिल करने के लिए कैंडिडेट्स जी-तोड़ मेहनत करते हैं। कई बार असफलता से उनका हौसला टूट जाता है। आज एक ऐसी IAS अधिकारी की बात करेंगे जिन्हें दो प्रयासों में असफलता हाथ लगी थी, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और लगातार मेहनत करती रहीं। इसी धैर्य की बदौलत उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 9वीं रैंक प्राप्त की। हम बात कर रहे हैं- गुंजन द्विवेदी की।

गुंजन द्विवेदी का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेस के लखनऊ का रहने वाला है। उनके पिता भी IPS अधिकारी थे। यहीं से उन्हें UPSC एग्जाम के बारे में पता चला था। वह बचपन से ही देश की सेवा करना चाहती थीं और इसके उन्होंने बहुत पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है तो उन्हें दो बार असफलता मिली और यहां तक कि उनका प्रीलिम्स तक भी क्लियर नहीं हो पाया था।

गुंजन द्विवेदी ने अपनी सफलता का मूल-मंत्र भी कैंडिडेट्स के साथ शेयर किया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए शॉर्टकट नहीं आजमाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं वे बुरी तरह फेल होते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपके पास कड़ी मेहनत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। सबसे पहले आप अपने बेसिक्स मजबूत करें और इसके बाद सिलेबस के अनुसार स्टडी मैटेरियल का इस्तेमाल कर तैयारी करें।’

गुजंन कहती हैं, ‘पढ़ाई करने के लिए नोट्स भी बना सकते हो। लेकिन खुद पर भरोसा रखना बहुत जरूरी है। यूपीएससी को क्लियर करने के लिए कठिन परिश्रम के साथ धैर्य रखना भी बहुत जरूरी है। साथ ही हर सब्जेक्ट को गहराई के साथ पढ़ना होगा। शुरुआत से ही आप न्यूज़पेपर पढ़ना अपनी आदत बना लें। आसपास हो रही घटनाओं के बारे में जागरूक रहें। अगर आप खुद को मोटिवेट रखकर यूपीएससी की तैयारी करेंगे, तो सफलता की संभावना काफी बढ़ जाएगी।’