एक छात्र जब यूपीएससी (UPSC) निकालता है और जब उसे अधिकारी की जिम्मेदारी मिल जाती है, तो उसकी पहचान उसके काम से ही होती है। एक आईपीएस (IPS) जहां भी जाता है उसकी कार्यप्रणाली एक अलग ही छाप छोड़ती है।
कुछ ऐसी ही कहानी है केरल की पहली महिला आईपीएस आर. श्रीलेखा (IPS R.Sreelekha) की। एक सैनिक पिता की बेटी जब आईपीएस बनी तो उनकी पहचान हमेशा काम ही रही है। सीबीआई में जब उनकी पोस्टिंग हुई तो लोग उन्हें रेड श्रीलेखा (IPS Raid Sreelekha) कहने लगे।
श्रीलेखा केरल के एक साभ्रांत घर में पैदा हुईं थीं। पिता द्वितीय विश्वयुद्ध में मित्र सेना की ओर ले लड़ चुके थे। लड़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी और प्रोफेसर की नौकरी कर ली। श्रीलेखा ने अपनी स्कूली शिक्षा गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी तिरुवनंतपुरम से पूरी की।
पुलिस सेवा में शामिल होने से पहले श्रीलेखा (IPS R.Sreelekha) एक प्रोफेसर के रूप में काम कर रही थी। इससे पहले उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक में ग्रेड बी अधिकारी के रूप में भी काम किया। जनवरी 1987 में श्रीलेखा जब 26 साल की थी, तब उन्होंने यूपीएससी (UPSC) क्लियर किया और केरल कैडर की पहली महिला आईपीएस (IPS) अधिकारी बनीं।
आईपीएस की ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्हें केरल में पोस्टिंग मिली। जहां उन्होंने तीन जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया है। इसके बाद श्रीलेखा को सीबीआई में भेज दिया गया। यहां श्रीलेखा ने जो काम किया उसी के कारण उनका नाम रेड श्रीलेखा पड़ गया। यहां श्रीलेखा ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों, नेताओं समेत कई नामी लोगों के यहां छापा मारा। इसी कारण इन्हें लोग रेड श्रीलेखा (IPS Raid Sreelekha) बुलाने लगे।
श्रीलेखा कई सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम कीं। इस दौरान उनका कार्यकाल बेहतरीन प्रबंधन और साफ-सुथरा प्रशासन के लिए जाना गया।
परिवहन आयुक्त के रूप में काम करते हुए भी श्रीलेखा (IPS R.Sreelekha) ने काफी वाहवाही बटोरी। उनके विभाग द्वारा किए गए प्रयासों ने सड़क दुर्घटना की संख्या को कम करने में मदद की और मोटर वाहन विभाग के राजस्व को रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचाया।
जून 2020 में श्रीलेखा (IPS R.Sreelekha) को केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज में डीजीपी की जिम्मेदारी दी गई। इस जिम्मेदारी को संभालने वाली वो केरल की पहली महिला डीजीपी बनीं। 31 दिसंबर 2020 को 33 साल की नौकरी के बाद श्रीलेखा रिटायर हो गईं।