Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में रेप मामले में दोषी सिद्ध हो चुके एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिवारवालों के अनुसार, 12 दिसंबर को रेप केस में फैसला आना था। इसमें युवक मुख्य आरोपी था। आरोप तय होने के बाद से वह काफी परेशान रह रहा था। इस बीच उसने फांसी लगा ली।

पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज था मुकदमा: दरअसल, लखीमपुर खीरी जिले के थाना मैलानी क्षेत्र के बांकेगंज में दो साल पहले एक व्यक्ति संतोष कुमार पर गांव उसके गांव की एक नाबालिग लड़की ने पॉस्को एक्ट के तहत रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वर्तमान में आरोपी संतोष जमानत पर जेल से बाहर था। लेकिन मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।

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पीड़िता का परिवार दो लाख रुपए की मांग कर रहा था: संतोष के परिजनों ने बताया कि इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चुकी है। परिजनों ने बताया कि इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चुकी है। अदालत ने आरोप भी तय कर दिए हैं। 12 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए तारीख सुनिश्चित की थी।  इसके वजह से संतोष काफी तनाव में रह रहा था। संतोष के भतीजे ने लालजी राठौर ने कहा कि- केस को लेकर तनाव में रह रहा था लेकिन पीड़िता के परिजन दो लाख की डिमांड कर रहे थे। वह कह रहे थे कि दो लाख दे दो, हम केस वापस ले लेंगे।

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पोक्सो एक्ट क्या है?  POCSO एक्ट का पूरा नाम “प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस” एक्ट है। पोक्सो एक्ट-2012 को बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए लाया गया था। वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की जाती है।