उत्तर प्रदेश की बांदा पुलिस ने जेल में बंद माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ अलग-अलग पहचान पत्रों पर उनकी जन्मतिथि में कथित गड़बड़ी को लेकर एक नया मामला दर्ज किया है। बांदा कोतवाली में अंसारी पर शुक्रवार को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (एक अहम सुरक्षा की जालसाजी, वसीयत या किसी मूल्यवान सुरक्षा को बनाने या स्थानांतरित करने का अधिकार, या कोई धन प्राप्त करने आदि), 468 (जालसाजी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली को असली की तरह इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

जांच के दौरान कई दस्तावेजों में अलग-अलग जन्मतिथि

बांदा कोतवाली एसएचओ संदीप तिवारी ने कहा, “जांच के दौरान हमने पाया कि मुख्तार अंसारी के वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड पर अलग-अलग जन्मतिथि थी। यह अवैध है। इसलिए कोतवाली में तैनात एक पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।” उन्होंने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।

फौरी राहत के बाद फिर बढ़ी मुख्तार अंसारी की मुश्किलें

अब तक कम से कम 62 मामलों में नामजद आरोपी मुख्तार अंसारी वर्तमान में बांदा जेल में बंद है। 18 साल पहले कारावास में रहने के बाद से उस पर 22 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें यूपी गैंगस्टर्स एक्ट के तहत सात मामले और हत्या के छह मामले शामिल हैं। मुख्तार अंसारी को हाल ही में एक पुराने मामले में राहत मिलने के बाद यह नई मुश्किल खड़ी हो गई है।

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यूपी गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा काट रहा है मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और विश्व हिंदू परिषद के नेता के अपहरण से जुड़े एक मामले में यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट से दस साल की सजा सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। मुख्तार अंसारी को भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने सजा सुनाई थी। इसके चलते अफजाल की संसद सदस्यता भी रद हो गई है।