Minister Rakesh Sachan convicted in ballast theft case: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम-III कोर्ट ने अवैध असलहे के एक मामले में दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, फैसला आने से पहले ही मंत्री राकेश सचान कोर्ट से गायब हो गए। मंत्री पर अवैध असलहे का मामला कई सालों से कोर्ट में विचाराधीन था।
फैसला आने से पहले गायब हो गए मंत्री सचान
मिली जानकारी के मुताबिक, सालों पुराने इस मामले में योगी सरकार के मंत्री राकेश सचान ने शनिवार को कोर्ट में बहस से पहले ही आत्मसमर्पण किया था। इस केस में सुनवाई तो हुई लेकिन फैसला आने से पहले ही मंत्री राकेश सचान कोर्ट से गायब हो गए। जिसके बाद कोर्ट में हड़कंप मच गया। इसी मामले में मंत्री राकेश सचान के वकील पर भी कथित तौर पर गंभीर आरोप है कि वह भी आदेश की कॉपी छीनकर कोर्ट से भाग निकले।
क्या है मामला?
दरअसल, साल 1991 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता राकेश सचान से पुलिस ने एक अवैध हथियार बरामद किया था। इस मामले में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। शनिवार यानी 6 अगस्त को कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-3 (एसीएमएम-III) की अदालत में सुनवाई चल रही थी। इसी मामले में कोर्ट ने योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान को दोषी करार दिया गया है।
कौन हैं राकेश सचान?
कानपुर के किदवई नगर इलाके के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। इसके बाद साल 2019 लोकसभा चुनाव में वे सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस पार्टी परिवर्तन की वजह के पीछे बताया गया था कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान सपा-बसपा गठबंधन के समय फतेहपुर सीट पर बसपा का प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरा था, जिससे वह नाराज हो गए थे।
इस नाराजगी के बीच उन्होंने अपने समस्या अखिलेश यादव के सामने भी रखी थी लेकिन गठबंधन के चलते उनकी नहीं चली। ऐसे में उन्होंने सपा की साइकिल से उतरकर कांग्रेस पार्टी में चले गए थे। करीब 2 सालों तक कांग्रेस के साथ रहने वाले राकेश सचान साल 2022 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद राकेश सचान ने कानपुर देहात के भोगनीपुर चुनाव जीते थे और योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।