उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस ने बुधवार को श्री लक्ष्मणदास उदासी आश्रम के प्रबंधक महंत बजरंग मुनि को कथित रूप से बलात्कार की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। महंत बजरंग मुनि की गिरफ्तारी उनके द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों के एक सप्ताह से ज्यादा समय के बाद हुई है। बजरंग मुनि को पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों और दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित कई नए आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था।

अतिरिक्त महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बजरंग मुनि गिरफ्तारी की पुष्टि की। बता दें कि, सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो के आधार पर 8 अप्रैल को सीतापुर पुलिस ने 38 वर्षीय बजरंग के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके बाद बजरंग मुनि ने माफी मांगते हुए बयान जारी किया था। एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद बजरंग को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

महंत बजरंग मुनि की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने आश्रम के बाहर प्रदर्शन भी किया। ऐसे में किसी भी तनाव से निपटने के लिए आश्रम और उसके आसपास पीएसी और स्थानीय पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि, बजरंग मुनि दो साल पहले सीतापुर आने के बाद से ही जमीन विवाद को लेकर चर्चा में है। इनमें से अधिकांश विवादों में आश्रम के आसपास की भूमि शामिल है, जिसे बड़ी संगत के नाम से भी जाना जाता है।

दरअसल, पिछले हफ्ते बजरंग मुनि का कथित तौर पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें उन्हें एक हिंदू महिला को परेशान करने पर दूसरे समुदाय की महिलाओं से बलात्कार की धमकी देते हुए सुना जा सकता है। बजरंग ने कथित तौर पर यह टिप्पणी तब की जब कलश यात्रा 2 अप्रैल को खैराबाद की एक मस्जिद के बाहर पहुंची। वीडियो में उन्हें कथित तौर पर भीड़ और पुलिस कर्मियों से घिरे चार पहिया वाहन में बैठकर बयान देते हुए देखा जा सकता है।

अभद्र भाषा और बलात्कार की धमकियों से भरा वीडियो वायरल होने के बाद बाद में 8 अप्रैल को बजरंग मुनि ने माफी मांगते हुए एक बयान जारी किया था। बजरंग मुनि ने कहा था कि “सभी माताओं और बहनों से मैं क्षमा चाहता हूं। अगर मेरे वायरल वीडियो से वह आहत हुए हैं तो कृपया मुझे क्षमा करें, मैं सभी महिलाओं का सम्मान करता हूं।” ज्ञात हो कि बजरंग मुनि के भाषण का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।

पुलिस के मुताबिक, अभद्र भाषा के अलावा बजरंग मुनि पर झड़प को लेकर एक और मामला दर्ज है। सीतापुर (शहर) के सीओ पीयूष सिंह ने कहा था कि बजरंग मुनि ने भी बड़ी संगत से जुड़ी जमीन के मामले में स्थानीय निवासियों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं। हालांकि, एसडीएम सदर अनिल कुमार रस्तोगी ने बड़ी संगत से जुड़े किसी भी भूमि विवाद से पहले इंकार किया था।

श्री लक्ष्मणदास उदासी आश्रम के प्रबंधक महंत बजरंग मुनि के बारे में खैराबाद और सीतापुर के आसपास के क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि वह मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज क्षेत्र के मूल निवासी हैं। साथ ही बजरंग मुनि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से पूरी की है।