उदयपुर हत्याकांड के बाद पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी संगठन की जांच की आंच यूपी के पीलीभीत तक जा पहुंची है। शिक्षा विभाग ने पीलीभीत में दावत-ए-इस्लामी को नोटिस भेज कर 2 दिनों के भीतर स्कूल बंद करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा कि स्कूल बिना मान्यता के चलाया जा रहा था।

बिना मान्यता चल रहा था स्कूल: पीलीभीत जिला प्रशासन ने जांच में पाया है कि यहां पर दारुल मदीना इंग्लिश स्कूल नाम का प्ले स्कूल भी दावत-ए-इस्लामी द्वारा चलाया जा रहा था। मामले में शिक्षा विभाग ने जब स्कूल की जांच की तो सामने आया कि स्कूल मान्यता प्राप्त नहीं है। यह बात सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 2 दिन के अंदर स्कूल बंद करने के निर्देश दिए हैं।

गुल्लकों के जरिये लिया जा रहा चंदा: जांच में इस बात का भी पता चला है कि पीलीभीत में 1400 जगहों पर दावत-ए-इस्लामी के गुल्लक रखे गए हैं। इन गुल्लक के जरिए फंड जमा किया जाता था। दावत-ए-इस्लामी के स्कूलों के साथ गुल्लको पर भी एक्शन हुआ है। अब जांच का विषय का है कि इन गुल्लको से इकट्ठा किया गया चंदा कहां भेजा जा रहा था। इस मामले की जांच में पुलिस और एलआईयू लग गई है।

काजी ने लगवाए ऐसे पोस्टर: वहीं, पीलीभीत जिले में मस्जिद के बाहर पोस्टर भी लगाए गए हैं। इन पोस्टरों को जिले के काजी और मौलाना जरताब रजा खां हशमती ने लगवाया है। मस्जिदों और मदरसों में लगाए गए इन पोस्टर्स में लिखा गया है कि दावत-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों का यहां आना सख्त मना है। शहर भर में लगाए गए दावत-ए-इस्लामी के गुल्लको पर भी काजी मौलाना जरताब रजा खां हशमती ने सवाल खड़े किए हैं।

उदयपुर कांड में आया था दावत-ए-इस्लामी का नाम: काजी मौलाना जरताब रजा खां हशमती ने कहा कि पूरे जिले से चंदा लिया जा रहा है, जगह-जगह गुल्लक लगाए गए हैं। चंदे में जमा हुआ पैसा कहां जा रहा है, किसे मिल रहा, इसका कुछ किसी को पता नहीं है। जबकि सभी को मालूम है कि दावत-ए- इस्लामी का को कराची, पाकिस्तान से ऑपरेट किया जाता है। बता दें कि, इस संगठन का नाम उदयपुर कांड के बाद सामने आया था।