उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले दो अंतरराष्ट्रीय गो-तस्करों को असम के कोकराझार जिले में एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। इन दोनों गो-तस्करों की पहचान अकबर बंजारा और सलमान के रूप में हुई है। यह दोनों गो-तस्कर अपने गिरोह के माध्यम से बांग्लादेश तक पशु तस्करी को अंजाम देते थे। इन दोनों पर मेरठ और असम में कई जगह अलग-अलग मामलों में केस दर्ज थे।

जानकारी के अनुसार, इन दोनों गो-तस्करों को दोनों को असम पुलिस वारंट पर कुछ दिन पहले ही मेरठ से ले गई थी। बताया जा रहा है कि असम पुलिस इन्हें पेशी पर ले जा रही थी, तभी दोनों ने फरार होने की कोशिश की थी। जिसके बाद, असम पुलिस ने दोनों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। अकबर बंजारा, सलमान और साथी शमीम के अलावा दो अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था।

मेरठ के दोनों गो-तस्करों और उनके साथियों को बीते 13 अप्रैल को मेरठ पुलिस ने अरेस्ट किया था। फिर चार दिन पहले ही असम पुलिस बी-वारंट पर तीन आरोपियों को अपने साथ ले गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अकबर और उसके भाई सलमान ने पुलिस कस्टडी से फरार होने की कोशिश की। जिसके बाद उन्हें पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। अकबर और सलमान दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर के गो-तस्कर थे, अपने गिरोह में करीब 150 सदस्यों की मदद से बांग्लादेश तक तस्करी करते थे।

अकबर बंजारा और सलमान के बारे में पुष्टि करते हुए मेरठ के एसपी देहात केशव कुमार ने कहा दोनों भाई असम में कई मामलों में वांछित थे और उन पर दो लाख का इनाम भी रखा गया था। करीब एक हफ्त्ते पहले ही दोनों भाइयों को मेरठ पुलिस ने फलावदा से गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, अब इस मामले में कट्टरपंथी समूहों से संबंध और हवाला एंगल पर भी जांच जारी है। उन्हें संदेह है कि गिरोह मवेशियों के बदले हवाला के पैसे का इस्तेमाल कर रहा था।

अकबर बंजारा ने भाई सलमान और अपने गिरोह के दम पर पशु तस्करी और मीट का मायाजाल उत्तर पूर्व के राज्यों के साथ बांग्लादेश तक फैला रखा था। अकबर बंजारा को पकड़ने के लिए असम पुलिस ने उत्तर पूर्व के प्रदेशों में कई बार दबिश दे चुकी थी, लेकिन हर बार वह बचकर निकल जाता था। हालांकि, बीते हफ्ते ही मेरठ में गिरफ्तारी के बाद असम पुलिस कुछ मामलों के चलते बी-वारंट पर उन्हें असम लेकर गई थी।