Unnao Rape Case: बदनाम उन्नव रेप कांड में सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर रोक लगा दिया है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्र कैद की सजा को निरस्त किया गया था।

हाईकोर्ट के फैसले पर लगा दी रोक

बता दें कि 23 दिसंबर 2025 को, दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा को सस्पेंड कर दिया था और अपील लंबित रहने तक सेंगर को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने दोषी को 15 लाख रुपये के जमानती मुचलके के साथ पर्सनल बॉन्ड भरने का निर्देश दिया था और कुछ शर्तें लगाईं, जिनमें दिल्ली में रहना, पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में न जाना और अपील लंबित रहने के दौरान पीड़िता या उसके परिवार से संपर्क न करना, उन्हें डराना-धमकाना या प्रभावित न करना शामिल था।

इस आदेश पर पीड़िता और उसके परिवार ने प्रतिक्रिया दी, जिन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। इस फैसले के बाद नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन भी हुए। CBI ने आखिरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, यह तर्क देते हुए कि यह जनता के भरोसे और सुरक्षा को कमजोर करता है। 29 दिसंबर 2025 को, सुप्रीम कोर्ट ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व बीजेपी विधायक की बेटियों इशिता सेंगर और ऐश्वर्या सेंगर का दर्द छलका। छोटी बेटी ने जहां एक्स पर एक भावनात्मक पोस्ट लिया। वहीं, बड़ी बेटी ऐश्वर्या सेंगर जो एक वकील भी है ने मीडिया से बात करते हुए अपना पक्ष रखा।

ऐश्वर्या सेंगर ने सोमवार को चुनौती दी कि अगर कोई उनके पिता के खिलाफ एक भी सबूत दिखा दे कि उन्होंने लड़की की तरफ देखा भी था, तो वह कहेंगी कि उन्हें मौत की सजा दे दी जाए। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार की उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार से “पुरानी दुश्मनी” थी और यह “दुश्मनी” असल में केस से पहले की थी।

‘जानबूझकर मेरे पिता का नाम शामिल किया’

उन्होंने दावा किया कि पीड़िता के परिवार ने जानबूझकर दूसरे लोगों के साथ उनके पिता का नाम भी शामिल किया। उन्होंने कहा, “रेप पीड़िता ने पहले भी दूसरे लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराए थे, और ढाई महीने बाद उसने जानबूझकर मेरे पिता का नाम शामिल किया।” उन्होंने कहा कि अगर उनके पिता (कुलदीप सेंगर) पीड़िता को गलत इरादे से देखने के भी दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें सबसे कड़ी सजा, यानी फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “अगर मेरे पिता ने उस लड़की को गलत इरादे से देखा भी है, तो उन्हें फांसी दे देनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस मामले में हमें क्यों नहीं सुना जा रहा है। क्या एक ही पक्ष को सुना जाएगा। हम पिछले 8 साल से सबूतों के साथ न्यायिक लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सामने वाला पक्ष बेवजह माहौल बना रहा। हमारी एक ही मांग है कि बिना मीडिया ट्रायल और दबाव के निष्पक्ष जांच की जाए। लड़की ने तीन बार बयान बदले हैं। उसके बयानों में भिन्नता है, उसकी कॉल रिकॉर्डिंग वायरल है, नार्को के लिए वो तैयार नहीं हैं, वो नाबालिग भी नहीं थी।

इधर, सेंगर की छोटी बेटी इशिता सेंगर ने ‘एक्स’ पर एक भावनात्मक पोस्ट करते हुए न्याय की अपील की। इशिता ने पोस्ट में कहा कि उनका परिवार पिछले आठ सालों से चुपचाप न्याय का इंतजार कर रहा है और उसने कानून और संस्थानों पर अपना भरोसा बनाए रखा है। उन्होंने लिखा कि उनकी पहचान सिर्फ ‘एक बीजेपी विधायक की बेटी’ तक सीमित हो गई है और उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार नफरत, गाली-गलौज और धमकियों का सामना करना पड़ा है।

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पोस्ट में, इशिता ने कहा, “उनका परिवार न तो कोई रियायत चाहता है और न ही सहानुभूति। बल्कि सिर्फ यह चाहता है कि कानून बिना किसी दबाव या डर के काम करे और सुबूतों की निष्पक्ष जांच हो।’’ इशिता की पोस्ट को उनकी बड़ी बहन ऐश्वर्या सेंगर ने भी ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने लिखा, ”हम हारेंगे नहीं, लड़ेंगे।”

उन्नाव रेप केस उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ से चार बार के विधायक और पूर्व बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) और चार अन्य लोगों द्वारा 17 साल की लड़की के साथ किए गए क्रूर गैंगरेप से जुड़ा है। उनके भाई अतुल सिंह, रिश्तेदार शशि सिंह, 3 पुलिसकर्मी और अवधेश तिवारी और बृजेश यादव सहित 4 अन्य लोगों पर भी 4 जून, 2017 को किए गए इस जघन्य अपराध का आरोप लगाया गया था। पढ़ें मामले से जुड़ी एक-एक जानकारी