देश में नेपाली सीमा से घुसे दो चीनी नागरिक (Chinese National) बिना वीजा 18 दिनों तक दिल्ली-एनसीआर तक घूम आए, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी। दोनों चीनी नागरिक 24 मई को नेपाल की सीमा से देश में घुस आए थे। फिर वह अपने दोस्त के पास नोएडा में करीब 15 दिनों तक रुके थे। 11 जून को बिहार के सीतामढ़ी जिले में जब वह वापस बॉर्डर पार कर रहे थे तो सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने उन्हें गश्त के दौरान धर दबोचा।

भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों ने दोनों चीनी नागरिक को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया था। शनिवार को गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ की गई, फिर रविवार को यह जानकारी साझा की गई, जानकारी के मुताबिक, दोनों चीनी नागरिक नोएडा से लौटकर नेपाल बॉर्डर (Nepal Border) में घुसने की कोशिश कर रहे थे।

सशस्त्र सीमा बल की 51वीं बटालियन ने बताया कि दोनों को शनिवार शाम पौने सात बजे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को इनके बारे में सूचना देकर पूछताछ शुरू की गई। दोनों नागरिकों की पहचान लगभग लू लैंग (30) और युन हेलांग (34) के रूप में हुई है। इन दोनों नागरिकों के पास से मिले दस्तावेजों की भी जांच की गई है। दोनों के पास भारतीय वीजा (Indian Visa) नहीं है।

एसएसबी के मुताबिक, पूछताछ में पता चला है कि दोनों युवक 23 मई को थाईलैंड (Thailand) के रास्ते काठमांडू आए थे। फिर 24 मई को उन्होंने कोरा के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश किया। इसके बाद यहां से टैक्सी लेकर वह उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) शहर गए। जहां दोनों 10 जून तक अपने दोस्त के पास रुके थे। उसके बाद वह टैक्सी से फिर से भिठ्ठामोड़ वापस आए और रिक्शे पर सवार होकर दोनों सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे।

सशस्त्र सीमा बल ने बताया कि संदिग्ध गतिविधि के चलते जब इनसे पूछताछ की तो इनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं था, जो कि भारतीय (Indian) होने की प्रामाणिकता की पुष्टि कर सके। इसके अलावा, युवकों के पास से प्राप्त विभिन्न वस्तुओं और मोबाइल फोन के जांच के बाद यह प्रतीत होता है कि दोनों वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Fraud) में शामिल हो सकते हैं या किसी वित्तीय धोखाधड़ी रैकेट में सहयोगी भी हो सकते हैं। हालांकि, जांच के बाद दोनों चीनी नागरिकों से जब्त किये गए सामान को आगे की कार्रवाई के लिए सुरसंड थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है।